चीन-तुर्किये के रास्ते पर ना चले भारत... CJI ने क्यों कहा, ED हदें पार कर रहा

4 hours ago

Last Updated:July 21, 2025, 20:42 IST

चीन-तुर्किये के रास्ते पर ना चले भारत... CJI ने क्यों कहा, ED हदें पार कर रहासुप्रीम कोर्ट ने ईडी को जमकर फटकार लगाई.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने जांच के दौरान कानूनी सलाह देने या मुवक्किलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तलब करने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि ईडी ‘सारी हदें पार कर रहा है’. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दिशानिर्देश बनाने की जरूरत भी रेखांकित की. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह टिप्पणी विधिक पेशे की स्वतंत्रता पर इस तरह की कार्रवाइयों के प्रभावों पर ध्यान देने के लिए अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की गई एक सुनवाई के दौरान की. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ईडी द्वारा वरिष्ठ वकील अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को तलब किये जाने के बाद आई है.

सीजेआई ने कहा, “अगर यह गलत भी है तब भी एक वकील और मुवक्किलों के बीच का संवाद विशेषाधिकार प्राप्त संवाद होता है और उनके खिलाफ नोटिस कैसे जारी किए जा सकते हैं? इस संबंध में दिशानिर्देश बनाए जाने चाहिए.” प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “वे (ईडी) सारी हदें पार कर रहे हैं.” शीर्ष अदालत को यह बताया गया था कि वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार जैसे विधिक पेशेवरों को हाल में ईडी द्वारा नोटिस जारी किया गया और इससे कानून के पेशे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार किए जाने चाहिए.”

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मुद्दे को शीर्ष स्तर पर उठाया गया है और जांच एजेंसी को वकीलों को कानूनी सलाह देने के लिए नोटिस जारी नहीं करने के लिए कहा गया है. वेंकटरमणी ने इससे पहले सुनवाई के आरंभ में कहा कि उन्होंने ईडी अधिकारियों से बात की है और वकीलों को समन भेजना गलत है. मेहता ने वेंटरमणी से सहमति जताते हुए कहा, “वकीलों को कानूनी सलाह देने के लिए तलब नहीं किया जा सकता.” हालांकि, मेहता ने कहा कि झूठे विमर्श गढ़कर संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने चीन और तुर्किये का उदाहरण देते हुए कहा, “भारत को उन देशों की राह पर नहीं चलना चाहिए जिन्होंने कानूनी पेशे की स्वतंत्रता पर कुठाराघात किया है.” उन्होंने कहा, “तुर्किये में पूरी बार एसोसिएशन को भंग कर दिया गया था. चीन में भी ऐसा ही मामला हुआ है.” वकीलों ने जोर देकर कहा कि वकीलों को खासकर विधि संबंधी राय देने के लिए तलब करना एक खतरनाक नजीर तय कर रहा है. एक वकील ने कहा, “अगर यह जारी रहा तो यह वकीलों को ईमानदार और स्वतंत्र सलाह देने से रोकेगा.” उन्होंने कहा कि जिला अदालतों के वकीलों को भी बेवजह परेशान किया जा रहा है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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