हाइलाइट्स
ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लगाने की बात पहले ही कही है. चीन के उत्पादों पर 20 से 60% टैरिफ लग सकता है. इससे चीन की विकास दर 4.5% रहने का अनुमान है.
नई दिल्ली. चीन अपनी अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए एक के बाद एक राहत पैकेज जारी कर रहा है. लेकिन, अमेरिका में बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से चीन की इन सभी कोशिशों पर पानी फिर सकता है. माना तो यहां तक जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप जिस आक्रामकता के साथ चीन से निपटने की तैयारी में हैं, उससे चीन की इकनॉमी 4 साल में सबसे सुस्त रहने वाली है. ग्लोबल इनवेस्टमेंट एंड बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सॉक्स (Goldman Sachs) का कहना है कि चीन की विकास दर इस वित्तवर्ष में काफी सुस्त रहने वाली है.
गोल्डमैन सॉक्स ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि चीन के लिए बुरी खबरें हैं. 2025 में चीन की विकास दर 4.5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है, जो 2020 के बाद सबसे कम है. वैसे तो चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 1.4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 117 लाख करोड़ रुपये) का राहत पैकेज देने की घोषणा की है, लेकिन अमेरिका में ट्रंप की वापसी और उनकी नीतियों पर नजर डालें तो यह राहत पैकेज ज्यादा काम नहीं आने वाला है.
क्यों सुस्त पड़ जाएगा ड्रैगन
एक्सपर्ट का मानना है कि चीन की अर्थव्यवस्था ज्यादातर निर्यात पर आधारित है और ट्रंप ने पहले ही टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी. जाहिर है कि अगर वे इस पर अमल करते हैं तो सीधा असर चीन के निर्यात पर होगा और विकास दर भी निश्चित रूप से नीचे जाएगी. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि चीन 2025 में और भी राहत पैकेज जारी कर सकता है. इसका मतलब है कि ट्रंप की वापसी से चीन पर दबाव बढ़ेगा और वह आगे भी राहत पैकेज जारी करने के लिए मजबूर हो सकता है.
टैरिफ का कितना असर
गोल्डमैन सॉक्स में चीन के मुख्य अर्थशास्त्री हुई शान का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर काफी असर पड़ेगा. अगर चीन के उत्पादों पर 20 फीसदी का भी टैरिफ लगता है तो इससे चीन की विकास दर 0.70 फीसदी घट जाएगी. वैसे तो ट्रंप ने 60 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है, लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि 20 फीसदी तक टैरिफ ही लगाया जाएगा.
अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा व्यापार
चीन दुनिया का सबसे ज्यादा व्यापार करने वाला देश है. 2023 में सिर्फ अमेरिका के साथ ही इसका 575 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार था. इसमें चीन की हिस्सेदारी ज्यादा और अमेरिका की कम थी. यही वजह है कि अमेरिका को 279 अरब डॉलर का व्यापार घाटा लगा था. चीन पर लगने वाले टैरिफ का असर ग्लोबल इकनॉमी पर भी दिखेगा, क्योंकि चीन ग्लोबल ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाता है. एशिया पैसिफिक के चीफ इकनॉमिस्ट एलिसिया गारसिया हरेरो का कहना है कि अगर ट्रंप ने चीन पर 60 फीसदी टैरिफ ठोंक दिया तो जिनपिंग क्या करेंगे. क्या वे और बड़ा राहत पैकेज जारी करेंगे, लेकिन इससे चीन पर और दबाव बढ़ सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 12, 2024, 11:45 IST