Israel Hamas war: इजरायल और हमास के बीच पिछले कई महीनों से जंग चल रही है. ये जंग बिल्कुल भी रुकने का नाम नहीं ले रही है. सीजफायर की तमाम कोशिशों के बाद भी दोनों के बीच इस पर सहमति नहीं बन पाई है. वहीं अब इजरायल के रक्षा मंत्री ने हमास को युद्ध विराम समझौते को स्वीकार करने के लिए चेतावनी दी है.
हमास को चेतावनी
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने हमास को चेतावनी दी है कि वह गाजा युद्ध रोकने के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा पेश किए गए समझौते को स्वीकार कर ले, नहीं तो उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. 'सिन्हुआ समाचार एजेंसी' ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से बताया कि स्टीव विटकॉफ के प्रस्ताव में गाजा में 60 दिनों के युद्धविराम के बदले दो चरणों में सौदा शामिल है. इसके तहत 10 जिंदा इजरायली बंधकों और 18 शवों को सौंपा जाएगा, जबकि इजरायल 1,236 फिलिस्तीनी कैदियों और 180 फिलिस्तीनियों के शव लौटाएगा.
गाजा में इजरायल का अभियान
अपने कार्यालय से जारी एक बयान में रक्षा मंत्री कैट्ज ने कहा कि इजरायली सेना गाजा में पूरी ताकत से अभियान चला रही है. उन्होंने बताया कि हर इलाके में सैनिकों के प्रवेश की तैयारी के तहत, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जमीन, हवा और समुद्र से बड़े पैमाने पर हमले किए गए हैं. शुक्रवार को जारी एक बयान में इजरायली सेना ने कहा कि गुरुवार से उसकी वायु सेना ने जमीनी बलों के साथ मिलकर गाज़ा पट्टी में कई ठिकानों पर हमला किया है. इन हमलों में आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके हथियारों, ठिकानों और भूमिगत ढांचे को नष्ट कर दिया गया है. बयान में कहा गया है कि सैन्य अभियान के दौरान इजरायली सैनिकों पर दो रॉकेट लॉन्चर से ग्रेनेड दागे गए, जिससे तीन सैनिकों को हल्की चोटें आईं.
गाजा के कब्जे में हैं इजरायली बंधक
इजरायली सेना के मुताबिक, अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के दौरान 251 लोगों को बंधक बनाया गया था. इनमें से 57 अब भी गाजा में हैं, जिनमें से 34 के मारे जाने की आशंका है. शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने कहा कि इजरायल ने गाजा में 60 दिनों के युद्धविराम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, हालांकि इजरायली सेना अब भी वहां सैन्य अभियान चला रही है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमास को युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है, जिसे इजरायल ने स्वीकार कर लिया है. ( इनपुट-आईएएनएस)