छठ पर कनाडा से बिहार लौटे युवक ने बताए हालात, बोला- 'मंदिरों को..'

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प्रियांक सौरभ. मुजफ्फरपुर. लोकआस्था के महापर्व छठ के लिए देश के अलग-अलग महानगरों से बिहार के युवा अपने गांव लौट आए हैं. विदेश में रहने वाले भी छठ पर्व में खुद को नहीं रोक पाए. सात समंदर पार से छठ मनाने बिहार चले आए. ऐसे ही एक युवा है मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के सुजावलपुर गांव के रहने वाले सुशील शेखर. वह बीते कई साल से कनाडा में रह रहे हैं. कनाडा गवर्नमेंट में एनवायरमेंटल इंजिनियर के पद पर काम कर रहे सुशील शेखर कई साल बाद अपने गांव छठ मनाने पहुंचे हैं. इससे परिवार में भी खुशी का माहौल है.

कनाडा के क्यूबेक सिटी में काम कर रहे सुशील शेखर ने News 18 से खास बातचीत में कर्नाडा के वर्तमान हालात पर भी बात की. उन्होंने बताया कि बिहार और छठ को अलग-अलग नहीं मानते. छठ महापर्व है. छठ का महीना जैसे ही शुरू होता है, आप दुनिया के किसी कोने में हो, गाना सुनकर याद आने लगती है. मेरी कोशिश रहती है कि गांव में आकर अपने परिवार के साथ छठ मनाए.

कनाडा-भारत के बीच के वर्तमान संबंध, कनाडा के वर्तमान हालात को लेकर सुशील ने बताया कि चुनावी स्टंट के तौर पर यह सब हो रहा है. एक-दो राज्यों में हालात थोड़ी चिंताजनक जरूर है. कनाडा में कुछ जगहों पर हिन्दू मंदिरों को टारगेट किया गया है, जो कि बेहद शर्मनाक है. मुझे उम्मीद है कि कनाडा सरकार एक्शन लेगी. हालांकि इन सबकी वजह से भारतीयों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई है. छोटे मोटे राजनीतिक मुद्दे दोनों देशों के संबंधों को नहीं तोड़ सकते.

वहीं छठ महापर्व में अपने बेटे के घर लौटने पर सुशील की मां वीणा देवी और पिता राजनारायण प्रसाद बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि 5 साल से उनका बेटा दूसरे देश में रह रहा है, ऐसे छठ पर घर आया है तो खुशी दोगुनी हो गई है.

मुजफ्फरपुर में कनाडा से आए सुशील ने बताया, ‘मैं एमटेक करने के बाद पीएचडी करने के लिए कनाडा गया था. मुझे कनाडा सरकार की ओर से स्कॉलरशिप दी गई थी. मैंने मई 2024 में पीएचडी कंप्लीट की है. अब मैं वहां पर नौकरी कर रहा हूं.’

Tags: Bihar News, Muzaffarpur news

FIRST PUBLISHED :

November 6, 2024, 21:01 IST

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