Last Updated:March 13, 2025, 22:09 IST
Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि इस्तीफा देने वाले जज को भी रिटायर वाले जज की तरह पेंशन लाभ मिलने का अधिकार है. कोर्ट ने यह फैसला एक पूर्व जज की याचिका पर सुनाया, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दि...और पढ़ें

'इस्तीफा देने वाले जज को भी रिटायरमेंट जैसी पेंशन'
हाइलाइट्स
इस्तीफा देने वाले जज को भी पेंशन मिलेगी.बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व जज गणेदिवाला के पक्ष में फैसला दिया.कोर्ट ने कहा 'रिटायरमेंट' में 'इस्तीफा' भी शामिल है.मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. अगर कोई हाई कोर्ट जज इस्तीफा देता है, तो भी उसे पेंशन मिलेगी. कोर्ट ने कहा कि ‘इस्तीफा’ भी ‘रिटायरमेंट’ के बराबर है और जज पेंशन पाने के हकदार होंगे, चाहे वे सुपरएन्युएशन (नियत उम्र पर रिटायरमेंट) से रिटायर हों या स्वेच्छा से इस्तीफा दें. यह फैसला पूर्व अतिरिक्त जज पुष्पा गणेदिवाला के मामले में आया. उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (ओरिजिनल साइड) के 2 नवंबर 2022 के आदेश को चुनौती दी थी. इस आदेश में कहा गया था कि वे पेंशन की हकदार नहीं हैं. गणेदिवाला ने तर्क दिया कि 1954 के हाई कोर्ट जज (वेतन और सेवा शर्तें) अधिनियम की धारा 14 और 15 में ‘रिटायरमेंट’ को संकीर्ण अर्थ में नहीं देखा जाना चाहिए. उनका कहना था कि ‘रिटायरमेंट’ में ‘इस्तीफा’ भी शामिल है.
सरकार का विरोध
सरकारी पक्ष ने तर्क दिया कि इस्तीफा देने पर पेंशन का दावा खत्म हो जाता है. उनका कहना था कि धारा 14 और 15 में ‘रिटायरमेंट’ का मतलब सिर्फ सुपरएन्युएशन से रिटायरमेंट है, इस्तीफा नहीं. सरकार का कहना था कि इस्तीफा देने का मतलब है कि जज नौकरी जारी नहीं रखना चाहता. इसलिए इसे ‘रिटायरमेंट’ के बराबर नहीं माना जा सकता.
कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश अलोक अराधे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने गणेदिवाला के पक्ष में फैसला दिया. कोर्ट ने कहा, ‘रिटायरमेंट’ एक व्यापक शब्द है. इसका अर्थ सिर्फ सुपरएन्युएशन नहीं, बल्कि करियर का अंत भी है. ‘Retire’ शब्द के कई मतलब हैं, जिनमें ‘Resign’ भी शामिल है. अगर संसद का इरादा केवल सुपरएन्युएशन पर रिटायरमेंट को ही पेंशन के योग्य बनाना होता, तो इसे स्पष्ट रूप से लिखा जाता. धारा 14 और 15 में ‘रिटायरमेंट’ को सीमित अर्थ में नहीं लिया गया है.
पेंशन देने से इनकार क्यों?
कोर्ट ने यह भी कहा कि पांच पूर्व जज, जिन्होंने इस्तीफा दिया था, उन्हें पहले से ही पेंशन मिल रही है. लेकिन गणेदिवाला को यह लाभ क्यों नहीं दिया गया, इस पर सरकार ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. कोर्ट ने गणेदिवाला की याचिका मंजूर कर ली. फैसला दिया कि वे 14 फरवरी 2022 से पेंशन पाने की हकदार हैं. रजिस्ट्रार का आदेश रद्द कर दिया गया.
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
March 13, 2025, 22:09 IST
जज चाहे इस्तीफा दे या रिटायर हो, पेंशन जरूर मिलेगी; बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला