जमीन बेची,बीवी का मंगलसूत्र गिरवी रखा...बस जिद थी गांव में 205 टॉयलेट बनाने की

7 hours ago

Last Updated:February 28, 2025, 16:34 IST

Man Built Toilets by Selling Land: बालासाहेब शेलके ने जमीन बेची, कर्ज लिया और पत्नी का मंगलसूत्र गिरवी रखकर जलना गांव में 205 शौचालय बनाए. उनके इस कार्य से गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार हुआ.

जमीन बेची,बीवी का मंगलसूत्र गिरवी रखा...बस जिद थी गांव में 205 टॉयलेट बनाने की

जमीन बेचकर गांव में बनाए 205 शौचालय

हाइलाइट्स

बालासाहेब शेलके ने गांव में 205 शौचालय बनाए.शेलके ने जमीन बेची, कर्ज लिया और मंगलसूत्र गिरवी रखा.शौचालय निर्माण से गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार.

नारायण काले/जलना: स्वच्छता के प्रती समर्पित राष्ट्रसंत गाडगेबाबा का नाम सभी जानते हैं. उनके नाम पर ग्राम स्वच्छता अभियान चलाया जाता है. फिर भी, कई गांवों में महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ता है. इस समस्या को देखते हुए जलना जिले के एक आधुनिक स्वच्छता दूत ने अपने खर्चे पर 205 शौचालय बनाए हैं. उन्होंने अपनी जमीन बेची, पत्नी का मंगलसूत्र गिरवी रखा और 205 शौचालयों का निर्माण किया. इस कार्य के बारे में सविता और बालासाहेब शेलके दंपति ने लोकल18 से बातचीत की.

डेढ़ एकड़ जमीन बेची
बालासाहेब शेलके ने बताया कि गांव में शौचालय की सुविधा न होने के कारण गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्गों को परेशानी होती थी. बारिश के मौसम में कीचड़ में चलकर बाहर खुले में शौच जाना पड़ता था. इस समस्या को देखते हुए 2009-10 से मैंने अपनी पत्नी की मदद से गांव में अपने खर्चे पर शौचालय बनाने का काम शुरू किया. शुरुआत में अपने पास के पैसों से यह काम किया, लेकिन पैसे कम पड़ने लगे तो हमने अपनी 3 एकड़ जमीन में से डेढ़ एकड़ जमीन बेची. इसके बाद भी गांव में शौचालय का काम पूरा नहीं हुआ तो विभिन्न बैंकों से कर्ज लिया. फिर भी कुछ लोगों के शौचालय नहीं बने थे. तब पत्नी सविता शेलके की सहमति से उनका मंगलसूत्र गिरवी रखकर शौचालय निर्माण का काम जारी रखा.

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गांव में वनराई फुलाई
अब पूरे गांव में हर घर में शौचालय है. बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं खुले में शौच जाने के बजाय शौचालय का उपयोग करते हैं. इससे गांव में बीमारियां कम फैलती हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है. इसके साथ ही हमने गांव में वनराई प्रोजेक्ट भी शुरू किया है, जिसमें 8500 पेड़ों की देखभाल कर रहे हैं. पत्नी सविता शेलके और हमारे बच्चे भी इस काम में हमारा सहयोग करते हैं.

विभिन्न पुरस्कारों से सम्मान
शेलके दंपति के इस कार्य को देखते हुए उन्हें विभिन्न जिला और राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. स्वच्छता के प्रति इतनी जागरूकता ग्रामीण क्षेत्र के एक नागरिक में होना आश्चर्यजनक है, लेकिन शेलके दंपति अपने संकल्प पर अडिग हैं और आगे भी स्वच्छता का यह कार्य निरंतर जारी रखने का वादा करते हैं. अपने खर्चे पर गांव के लिए शौचालय बनाने वाला यह दंपति वास्तव में प्रशंसा के योग्य है और राज्य के नए स्वच्छता दूत के रूप में उनकी पहचान बन रही है.

First Published :

February 28, 2025, 16:34 IST

homenation

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