Last Updated:August 11, 2025, 01:20 IST

नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के व्यवसायी पति रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा के गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 2008 में हुए ‘धोखाधड़ी’ वाले जमीन सौदे के मामले में पूछताछ के दौरान ‘टालमटोल भरे’ जवाब दिए और पूरा दोष अपने तीन दिवंगत सहयोगियों पर डाल दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोपपत्र में यह दावा किया है. ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े रियल एस्टेट लेनदेन में रॉबर्ट वाड्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के माध्यम से हरियाणा सरकार के अधिकारियों पर ‘अनुचित दबाव’ डाला.
इन आरोपों का उल्लेख करते हुए 332 पृष्ठों का आरोपपत्र संघीय जांच एजेंसी ने 17 जुलाई को दिल्ली स्थित विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में दाखिल किया था. ईडी ने आरोप लगाया कि 56 वर्षीय वाड्रा को भूमि सौदे में ‘अपराध से अर्जित आय’ के रूप में 58 करोड़ रुपये मिले. राउज एवेन्यू अदालत के विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) सुशांत चंगोत्रा ने दो अगस्त को अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लेने से पहले ईडी के आरोपपत्र में नामित सभी 11 आरोपियों को नोटिस जारी किया और मामले को 28 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया.
जज ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपपत्र की एक प्रति आरोपियों के साथ साझा की जाए. ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर वाड्रा की कानूनी टीम की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है. वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गुरुग्राम पुलिस द्वारा सितंबर, 2018 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वाद्रा ने अपनी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 12 फरवरी 2008 को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से 7.5 करोड़ रुपये में ‘झूठी’ घोषणा के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर सेक्टर 83 (गुरुग्राम) के शिकोहपुर गांव में स्थित 3.53 एकड़ जमीन की खरीद की.
एजेंसी का आरोप है कि वाड्रा ने अपने ‘व्यक्तिगत प्रभाव’ के जरिए उक्त भूमि पर वाणिज्यिक लाइसेंस भी प्राप्त किया. उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा नीत कांग्रेस की सरकार थी. चार साल बाद, सितंबर 2012 में, कंपनी ने यह जमीन रियल्टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी. यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में घिर गया जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और तत्कालीन भूमि चकबंदी और भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज रद्द कर दिया.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 11, 2025, 01:20 IST