जरायम पेशे में कैसे आया अमन साहू, गैंगस्टर का MLA बनने का सपना क्यों टूटा गया?

1 month ago

Last Updated:March 11, 2025, 18:55 IST

Gangster Aman Sahu Encounter: झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी जुड़ा था, वह 2024 में विधायक का चुनाव लड़ना चाहता था. लेकिन कुछ ऐसा हुआ जो उसका सपना अधूरा रह गया. क्या थी वो कहानी...और पढ़ें

जरायम पेशे में कैसे आया अमन साहू, गैंगस्टर का MLA बनने का सपना क्यों टूटा गया?

झारखंड पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया अमन साहू लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ था.

हाइलाइट्स

कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर में ढेर हुआ.अमन साहू 2024 में विधायक चुनाव लड़ना चाहता था.लातेहार जिले में सजा मिलने से सपना अधूरा रह गया.

रामगढ़/जावेद खान. झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन रखने वाला अमन साहू 2024 में  बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ना चाहता था,  लेकिन उसका यह ख्वाब अधूरा रह गया था. जरायम पेशे (अपराध की दुनिया) का बड़ा नाम बन चुका अमन साहू झारखंड पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया, लेकिन उसकी चाहत राजनीतिक रसूख हासिल करने की थी. इसके लिए उसने कोशिश भी की, काफी हाथ-पांंव मारे, मगर कामयाबी नहीं मिली. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि लातेहार जिले में एक केस में उसी सजा मिली थी और उसको प्रस्तावक नहीं मिल पाया था. जानकारी के अनुसार, उस दौरान अमन साहू की मां ने अपने वकील के माध्यम से नामांकन का पर्चा भी खरीद लिया था.

बता दें कि गैंगस्टर अमन साहू रांची जिले के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे का स्थाई निवासी था. वह अपने पिता के साथ बुढ़मू से रामगढ़ जिले के पतरातू में बिरसानगर में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोलकर अपनी जिंदगी की शुरूआत की थी. लेकिन, इसी दौरान उसने पतरातू के एक सीमेंट फैक्ट्री में 2012 में गोलीबारी कर  पहला अपराध की दुनिया मे कदम रखा था. उस मामले में उसकी तुरंत गिरफ्तारी हो गई थी. नाबालिग होने के कारण उसे समय उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया था.

वर्ष 2014 में वापस आने के बाद उसका संपर्क अपराधी सूरज सिंह से हो गया. इसके बाद वह धीरे-धीरे श्रीवास्तव गिरोह के सरगना सुशील श्रीवास्तव से हो गया. धीरे-धीरे उसने अपराध की दुनिया में पैर जमाना शुरू कर दिया. बाद के दिनों में उसका संपर्क उग्रवादी संगठन टीएसपीसी और जेजेएमपी से हो गया और साथ मिलकर उसने अपने अपराध के साम्राज्य को बढ़ाना शुरू किया. उसे एक कोयला रैक कारोबारियों समेत सप्लायरों,  ठेकेदारों और व्यवसायियों से अच्छी खासी लेवी आनी शुरू हो गई.

गैंगस्टर अमन साहू की अदावत पतरातू में सक्रिय पांडे गिरोह से भी रही. कई बार पांडे गिरोह  और उसके बीच में आमने-सामने की लड़ाई भी हुई. पतरातू के दाडीडीह  में  17 जुलाई 2023 को  एटीएस के डीएसपी और सब इंस्पेक्टर पर उसके गिरोह द्वारा गोलीबारी की गई थी. इसमें डीएसपी और सब-इंस्पेक्टर घायल हो गए थे. 29 सितंबर 2019 को वह हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसकी गिरफ्तारी बिहार के कटिहार से वर्ष 2020 में हुई थी. तब से वो जेल में रह कर आपराधिक घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहा था.

जुर्म की दुनिया में वह लगातार नए आयाम कायम करता जा रहा था. हाल के दिनों में उस पर हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या करवाने के आरोप लगे थे. रांची में रैक कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर जानलेवा हमला किया था. इसके बाद से झारखंड पुलिस के निशाने पर वह आ गया था और उसका अंत पुलिस के साथ एनकाउंटर में हो गया. मोबाइल रिपेयरिंग की अच्छी जानकारी रखने के कारण सोशल मीडिया के जरिए एक्टिव रहा करता था और तकनीक का सहारा लेकर अपराध करता था. साथ ही रंगदारी के लिए भी वह नई तकनीक का इस्तेमाल करता था.

Location :

Ramgarh,Jharkhand

First Published :

March 11, 2025, 18:55 IST

homejharkhand

जरायम पेशे में कैसे आया अमन साहू, गैंगस्टर का MLA बनने का सपना क्यों टूटा गया?

Read Full Article at Source