Last Updated:June 06, 2025, 08:02 IST
Chenab Rail Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित 'चिनाब रेल ब्रिज' कश्मीर घाटी को भारत से जोड़ेगा और 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है. यह एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा और 1486 करोड़ की लागत से ब...और पढ़ें

'चिनाब रेल ब्रिज' दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है.
हाइलाइट्स
चिनाब रेल ब्रिज 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है.यह पुल एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है.ब्रिज का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से हुआ है.जम्मू. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जिस ‘चिनाब रेल ब्रिज’ की सौगात देने जा रहे हैं, वह ऐतिहासिक पुल न केवल कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा, बल्कि यह ताकत के मामले में भी बेजोड़ है. छोटे-मोटे भूकंप से भी इसका कुछ नहीं बिगड़ने वाला. साल 2005 में एक भूकंप ने जम्मू-कश्मीर सहित पीओके और अफगानिस्तान में ऐसी तबाही मचाई कि उसकी यादें आद भी लोगों की जेहन में ताजा हैं. रिक्टर स्केल पर 7.6 वाले उस भूकंप में करीब 80000 लोग मारे गए थे. लेकिन अगर आज के समय में ऐसा भूकंप आया, तो वह ‘चिनाब रेल ब्रिज’ को डिगा भी नहीं पाएगा. आइए जानते हैं क्यों?
‘चिनाब रेल ब्रिज’ को इंजीनियरिंग का एक आधुनिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. ‘चिनाब रेल ब्रिज’ नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग में 1315 मीटर का यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. साथ ही यह ब्रिज भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है.
एफिल टावर से 35 मीटर और कुतुब मीनार से 287 मीटर ऊंचा
जम्मू और कश्मीर में स्थित यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है. 2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है. इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं. इसके ढांचे में 333 पाइल हैं. इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा. इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Jammu and Kashmir