जिस 'सियासी हथियार' से वार करने को तैयार बैठी थी बीजेपी हेमंत ने वही छीन लिया!

6 hours ago

हाइलाइट्स

2024 के विधान सभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने बीजेपी को दिया बड़ा झटका. 2014 में हेमंत सोरेन को चुनाव हराने वाली लुईस मरांडी अब झामुमो के साथ हुईं.

नितेश कुमार/दुमका/रांची. झारखंड में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बड़ा झटका तब लगा जब उसकी वरिष्ठ नेत्री और पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल होने का फैसला किया. सोमवार को उन्होंने झामुमो की सदस्यता ग्रहण की, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. चर्चा इस बात की हो रही है कि जिस सियासी हथियार का इस्तेमाल बीजेपी सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ करना चाहती थी हेमंत ने वह हथियार ही छीन ली है. जाहिर है दुमका से लेकर साहिबगंज की राजनीति के साथ ही झारखंड की पूरी राजनीति पर इस घटनाक्रम का प्रभाव पड़ सकता है.

बता दें कि लुईस मरांडी का दुमका की राजनीति में खासा प्रभाव रहा है. वह तीन बार दुमका सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने झामुमो के वर्तमान अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शिकस्त दी थी. हालांकि, 2009 और 2019 में उन्हें हेमंत सोरेन से हार का सामना करना पड़ा था. अब, भाजपा से दूरी बनाकर उन्होंने उसी पार्टी का दामन थाम लिया जिसे उन्होंने एक समय चुनौती दी थी. इस बार भी माना जा रहा था कि अगर लुईस मरांडी बरहेट विधानसभा सीट पर हेमंत सोरेन के समक्ष होंगी तो दो कद्दावर आदिवासी नेताओं का मुकाबला दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल हेमंत सोरेन ने बीजेपी को तगड़ा सियासी झटका दिया है.

यह भाजपा के लिए कितना बड़ा झटका है इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बार-बार लुईस मरांडी को मनाने की कोशिश से होता रहा. इस बीच लुईस मरांडी का जेएमएम में प्रवेश भी टलता रहा. लेकिन, लुईस अंत में भाजपा मना नहीं पाई और इस रस्साकशी में बाजी हेमंत सोरेन के हाथ लगी. उनका झामुमो में प्रवेश हुआ तो उस वक्त की तस्वीर भी बड़ी दिलचस्प है और आप समझ जाएंगे की झारखंड की राजनीति के लिए यह कितना बड़ा घटनाक्रम है. स्वयं हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने लुईस मरांडी का जेएमएम में स्वागत किया. आदिवासी नेताओं का एक बड़ा जत्था उनके वेल्कम के लिए उमड़ पड़ा. इतना ही नहीं जैसे ही लुईस मरांडी ने झामुमों का दामन थामा तो समर्थकों ने जोरदार आतिशबाजियां कीं और पटाखा फोड़कर खुशियां मनाईं.

लुईस मरांडी का भाजपा छोड़ जेएमएम में आने पर ग्रैंड वेलकम किया गया.

जेएमएम में लुईस मरांडी के प्रवेश करते ही उनके ट्विटर हैंडल से बीजेपी का फोटो भी हट गया और जम्मू का फोटो अपलोड हो गया है. अब वह जेएमएम की बड़ी कद्दावर नेता हैं. यह सियासी घटनाक्रम कुछ ऐसा ही है जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने जेएमएम का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. लुईस मरांडी के जेएमएम में प्रवेश से पूरी संथाल परगना में शामिल गोड्डा, दुमका, पाकुड़ साहिबगंज, देवघर समेत कई जिलों की राजनीतिक आधार में भी सेंधमारी के अनुमान हैं. अब देखना दिलचस्प है कि पहला हथियार तो हेमंत सोरेन ने छीन लिया है, लेकिन क्या बीजेपी इसको लेकर चुप बैठ जाएगी?

नाराजगी का कारण: सुनील सोरेन की उम्मीदवारी
लुईस मरांडी के झामुमो में शामिल होने के पीछे एक बड़ा कारण भाजपा के भीतर उनकी अपेक्षा और उनके भीतर पनपा असंतोष भी माना जा रहा है. बता दें कि दुमका लोकसभा चुनाव 2024 में दुमका संसदीय सीट से सुनील सोरेन को भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही लुईस मरांडी की नाराजगी सामने आई थी. कहा जा रहा है कि इसी वजह से वह नई राजनीतिक संभावनाओं की तलाश में थीं और अब उन्हें ससम्मान बड़ा सियासी ठिकाना मिल गया.

हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने लुईस मरांडी को माला पहनाई और गले भी लगाया.

चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा और झामुमो
गौरतलब कि झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. भाजपा ने अपनी पहली सूची में 66 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं, जिसमें गठबंधन के तहत भाजपा को 68 सीटें मिली हैं. दूसरी ओर, झामुमो ने भी अपनी रणनीति को मजबूत करना शुरू कर दिया है और लुईस मरांडी का पार्टी में शामिल होना उनके लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है. लुईस मरांडी का झामुमो में शामिल होना चुनावी समीकरणों को कैसे प्रभावित करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा, खासकर दुमका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में.

Tags: CM Hemant Soren, Dumka news, Jharkhand news, Jharkhand Politics

FIRST PUBLISHED :

October 22, 2024, 11:36 IST

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