Last Updated:July 03, 2025, 15:05 IST
Service PMI : भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 10 महीने में सबसे ज्यादा रही है. एचएसबीसी ने जून में जारी रिपोर्ट में बताया है कि कंपनियों को मिले ऑर्डर में बढ़ोतरी की वजह से यह विस्तार दिख रहा है.

भारत के सर्विस सेक्टर ने जून में जबरदस्त तेजी दर्ज की.
हाइलाइट्स
जून में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 10 महीने में सबसे ज्यादा रही.भारतीय कंपनियों को विदेशों से भी बंपर ऑर्डर मिले.एचएसबीसी रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ा है.नई दिल्ली. भारतीय कंपनियों ने जून महीने में जमकर नौकरियां बांटी और विदेशों से भी जमकर ऑर्डर आए, जिससे सर्विस सेक्टर का वृद्धि सूचकांक 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज ने जून महीने के लिए जारी पीएमआई में जबरदस्त उछाल की जानकारी दी है. आंकड़े देखें तो पता चलता है कि जून में भारतीय सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 10 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. इसकी वजह सकारात्मक मांग के रुझान और बिक्री में जारी सुधार के बीच अंतरराष्ट्रीय बिक्री और रोजगार सृजन में मजबूत विस्तार हुआ है.
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज की ओर से हर महीने जारी होने वाली पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मई में 58.8 से बढ़कर जून में 60.4 हो गया, जो नए व्यावसायिक ऑर्डरों में तेज उछाल के कारण हुआ है. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है.
कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ा
एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि सेवा पीएमआई व्यवसाय गतिविधि सूचकांक 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. इसका कारण नए घरेलू ऑर्डरों में तेज वृद्धि है. इसके अलावा नए निर्यात ऑर्डरों में भी वृद्धि हुई, जो धीमी गति से है, लेकिन तेज पकड़ रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ. इसकी वजह कच्चे माल की लागत में वृद्धि आउटपुट शुल्क के मुकाबले कम थी. इस हालात में कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ा है.
अगस्त के बाद सबसे ज्यादा ऑर्डर
अगस्त, 2024 के बाद से नए ऑर्डर सबसे तेज गति से बढ़े हैं. सेवा कंपनियों को घरेलू बाज़ार की निरंतर मजबूती से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. साथ ही नए निर्यात कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. पैनल के सदस्यों के अनुसार, एशियाई, पश्चिम एशियाई और अमेरिकी बाज़ारों से विदेशी मांग में ख़ास तौर पर सुधार हुआ है.
18 फीसदी से ज्यादा को ग्रोथ की उम्मीद
सर्वे में बताया गया है कि 18 फीसदी से ज्यादा कंपनियों को आगे भी ग्रोथ की उम्मीद है. यह अनुमान साल 2022 के मध्य में जारी अनुमान के बाद से सबसे कम है. इसका मतलब है कि लंबी अवधि में कंपनियों को यह ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद नहीं है. हालांकि, सर्विस प्रोवाइडर्स को भविष्य में तेजी बने रहने की पूरी उम्मीद है. इससे पहले जारी रिपोर्ट में दिखा था कि जून में आउटपुट पीएमआई भी 61 पहुंच गया था, जो 14 महीने का सबसे बड़ा विस्तार है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
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