रूस और यूक्रेन के बीच तुर्की के शहर इस्तांबुल में होने वाली शांति वार्ता में नया मोड़ आ गया है. इस्तांबुल में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की सीधी मुलाकात नहीं होगी. जेलेंस्की ने कहा था कि वो पुतिन के साथ आमने सामने बातचीत के लिए तैयार है. जेलेंस्की का ऑफर स्वीकार करने के बजाय पुतिन ने वार्ता के लिए नए प्रतिनिधिमंडल का ऐलान कर दिया है.
इस पर पश्चिमी देशों ने सवाल उठाया है. ब्रिटेन की परमाणु शाखा के पूर्व ज्वाइंट कमांडर कर्नल ब्रेटन गोर्डन ने पुतिन को डेड मैन वॉकिंग कहा है, यानी ऐसा शख्स जिस पर मौत का खतरा मंडरा रहा है और जिसे अपनी सत्ता खोने का डर सता रहा हो. पुतिन का नाम रूस के उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं है, जो तुर्की में यूक्रेनी दल से वार्ता करने वाला है.
दावा है कि 72 साल के पुतिन की सेहत लगातार खराब हो रही है. यूक्रेन पर भयानक हमले में वो काफी ताकत गंवा चुके हैं. ब्रिटिश विशेषज्ञ ब्रूस जोंस ने कहा कि पुतिन के हाथ खून से रंगे हैं. उन्हें पता है कि रूस में सत्ता कैसे बदलती रही है. उनके खराब फैसलों से नाराजगी है. कर्नल रिचर्ड केंप ने भी कहा कि बहुत से लोग पुतिन को उखाड़ फेंकना चाहते हैं, लेकिन उतनी सुरक्षा इतनी सख्त है कि ये डर है कि ऐसे मुमकिन हो पाएगा या नहीं.
आमने-सामने नहीं मिलेंगे दोनों नेता
रूसी दल की अगुवाई राष्ट्रपति के करीबी सलाहकार व्लादीमीर मेडिंस्की करेंगे. जबकि जेलेंस्की चाहते थे कि वो पुतिन के आमने-सामने बैठकर वार्ता करें ताकि जल्दी नतीजों पर पहुंचा जा सके. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी वार्ता में शामिल नहीं होंगे. ट्रंप ने पहले इशारा किया था कि अगर पुतिन आते हैं तो वो भी वार्ता में शामिल हो सकते हैं. हालांकि जेलेंस्की तुर्की की राजधानी अंकारा में होंगे, जहां वे राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान से मिलेंगे. लेकिन पुतिन के इनकार के बाद वो सीधी बातचीत में शायद अब शामिल नहीं होंगे.
रूसी दल में कौन-कौन
रूस के प्रतिनिधिमंडल में मेडिंस्की के अलावा उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुजिन, रूसी सेना के मुख्य निदेशक इगोर कोस्तिकोव और उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन सामिल हैं. इसके अलावा चार विशेषज्ञों को भी दल में शामिल किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि शांति वार्ता के शुरुआती दौर में आमने-सामने मिलने के बजाय पुतिन शायद कुछ सकारात्मक नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. अगर वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ती है तो वो इसमें शामिल हो सकते हैं. लेकिन अभी इसकी गुंजाइश कम नजर आ रही है.
अमेरिका पर्दे के पीछे निभाएगा भूमिका
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो तुर्की पहुंच गए हैं. वो तुर्की में नाटो देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात करेंगे. यूक्रेन के विदेश मंत्री एंद्रि सिबिहा पहले ही रुबियो से मुलाकात कर चुके हैं. गौरतलब है कि ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद लगातार रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने के लिए प्रयास किए हैं. व्हाइट हाउस में उनकी यूक्रेन राष्ट्रपति से हुई मुलाकात में गरमागरमी काफी चर्चा में रह चुकी है.
जेलेंस्की और पुतिन दिसंबर 2019 से आमने सामने मुलाकात नहीं हुई है. रूस और यूक्रेन के बीच इससे पहले मार्च 2022 में सीधी वार्ता इस्तांबुल में ही हुई थी, लेकिन इसके तुरंत बाद ही रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था.