Denmark asylum immigration system followed by Britain: घुसपैठ की समस्या से कोई देश अछूता नहीं है. घुसपैठियों और पुलिस के बीच चूहा-बिल्ली वाली दौड़ लगी रहती है. पश्चिमी देशों की चकाचौंध दुनियाभर के अवैध अप्रवासियों को आकर्षित करती है. इसलिए 'डंकी' मारकर गैरकानूनी तरीके से अमेरिका, कनाडा और लंदन जाने का गलत ट्रेंड 'जानलेवा' होने के बावजूद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. 'तू डाल-डाल मैं पात-पात' की ये लड़ाई दुनिया की सबसे गंभीर समस्या बन चुकी है. इससे निजात पाने के लिए डेनमार्क ने जो नुस्खा (Immigration law) ईजाद किया उस मॉडल को ब्रिटेन (UK) अपना जा रहा है.
डेनमार्क का ज्यूलरी मॉडल
ब्रिटेन में शरणार्थियों की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए पीएम कीर स्टारमर (Keir Starmer) की अगुवाई वाली सरकार क्या करने जा रहा है ये बताने से पहले आप एक छोटी सी भूमिका पढ़ लीजिए, जिससे आपको पूरी समस्या आसानी से समझ में आ जाएगी. शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'डंकी' में लोग गलत रास्तों में यूके में जाते हैं. कदम-कदम पर उनका सामना पुलिस-फोर्स की गोलियों से होता है. एक-एक पल नरक में होने का अहसास कराता है, क्योंकि जहां खाना और सोना होता है वहीं बगल में सू-सू और पॉटी करने की मजबूरी होती थी. लोग जैसे तैसे वहां पहुंचकर कोई काम करके रोजीरोटी कमाने लगते हैं. पुलिस पकड़ लेती है तो नियमों के मुताबिक उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता है, वहां वो वकील के जरिए खुद को एक्टिविस्ट बताकर अपने देश में जान का खतरा बता कर शरण मांगते थे, ऐसे कुछ और नाटक करके उनको वहां शरण मिल जाती थी.
जिनके पास वकील की फीस नहीं होती वो वहां डिटेंशन सेंटर में मुफ्त की रोटी तोड़ते हैं और कानूनी प्रकिया (चाहे जितनी लंबी हो) पूरी होने के बाद डिपोर्ट कर दिए जाते हैं. अमेरिका ने इसी साल सैकड़ों अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकार उनके देश पहुंचाया.
क्या करने जा रहा ब्रिटेन?
ब्रिटेन अब असाइलम के नियम और कड़े करने जा रहा है. नए फैससे से शरण मांगने वालों की कोर्ट की फीस उनके गहनों को जब्त कर चुकाई जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि शरण मांगने वाले अक्सर फीस भरने में खुद को लाचार बताते हैं. उन्हें वकील नहीं मिलते और बरसों तक शरण के मामले कोर्ट में अटके रहते हैं. इससे उनके खाने और रहने का अतिरिक्त बोझ उस देश की इकॉनमी पर पड़ता है.
भारत-पाकिस्तान के 13000 लोग होंगे प्रभावित!
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल जून, 2025 तक 5000 से ज्यादा भारतीयों ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए शरण के पाने के लिए याचिका लगाई है. इनमें से आधों ने वकील और अन्य कोर्ट की फीस चुकाने में असमर्थता जताई. अब इन सभी के पास मौजूद गहनों को जब्त किया जाएगा. आपको बताते चलें कि यूके में सबसे ज्यादा शरण की अर्जियां 8200 से ज्यादा पाक नागरिकों की ओर से लगाई गई हैं जो पहले वैध तरीके से वहां पहुंचे, फिर वहीं बस गए. अधिकांश डंकी रूट से गए.
कैसे होगी पहचान?
सीएनएएन की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में शरणार्थियों के गहनों सरकार को सौंपने यानी सरेंडर करने के आदेश जारी हो चुके हैं. लेकिन सब जानते हैं कि कोई अपने गहने या ज्वैलरी आसानी से नहीं देगा. इसलिए उनके कैंप या शेल्टर होम या जहां-जहां वो जाते हैं उस हर जगह मेटल डिटेक्टर से तलाशी अभियान चलाया जाएगा. हालांकि शरणार्थियों की मैरिज रिंग नहीं जब्त की जाएगी. ब्रिटेन की एजेंसियों का मानना है कि नोट गलने का खतरा होता है इसलिए शरण मांगने वाले सोने के गहनें साथ लाते हैं. आपको बताते चलें कि शरणार्थियों के गहनों को जब्त करना डेनमार्क मॉडल है. जिसे फॉलो करके उसने शरणार्थियों से होने वाला सरदर्द आधा करते हुए उनकी तादाद में 40% कमी की थी.

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