नई दिल्ली: क्या अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के फिर से आने से भारत के लिए बहार है? इसकी चर्चा अभी से ही शुरू हो गई है. डोनाल्ड ट्रंप राज में भारत की टेंशन बढ़ेगी या फिर अमेरिका के साथ संबंध और बेहतर होंगे? इसे लेकर अब चीजें स्पष्ट होने लगी हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस वापसी से भारत को फायदा ही फायदा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से भारत को तेल की कीमतों में नरमी का फायदा मिल सकता है. साथ ही चीन के साथ उनकी तकरार से भी भारत को लाभ होगा. ट्रंप प्रशासन व्यापार बढ़ाने के लिए भारत संग द्विपक्षीय शुल्क वार्ता को फिर से शुरू कर सकता है. इतना ही नहीं, उनकी वापसी से यूक्रेन-रूस जंग के जल्द खत्म होने का फायदा मिल सकता है.
भारत को अनदेखा करना आसान नहीं
जिस तरह से पूरी दुनिया में भारत का डंका बजने लगा है, उसे डोनाल्ड ट्रंप भी अनदेखा नहीं करेंगे. डोनाल्ड ट्रंप भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और मौजूदा वैश्विक आर्थिक वास्तविकताओं को देखते हुए ट्रंप प्रशासन का रुख नरम होने की संभावना है. एक एक्सपर्ट ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों ही अनुभवी वैश्विक नेता हैं, जिनका एक समान एजेंडा है- एक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध दुनिया.’ उन्होंने कहा कि भारत ने ओबामा, ट्रंप और बाइडेन प्रशासन के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से काम किया है.
चीन-पाक की उड़ेगी नींद
ट्रंप की वापसी से पाकिस्तान और चीन की नींद उड़नी तय है. क्योंकि भारत आतंकवाद के खिलाफ जंग में बार-बार यह मुद्दा उठाता रहा है, ऐसे में ट्रंप राज में अमेरिका भारत का साथ दे सकता है. क्योंकि ट्रंप भी आतंकवाद पर काफी हार्ड स्टैंड रखते रहे हैं. साथ ही ट्रंप के राज में अमेरिकी टैरिफ नीति चीन को टारगेट करेगी. अगर ऐसा होता है तो भारत की चांदी है. निर्माण और निवेश के मामले में चीन की तुलना में भारत को प्रमुखता मिल सकती है. अधिकारियों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों की मानें तो भारत और अमेरिका लोकतंत्र के अपने साझा लक्ष्यों, अवैध आव्रजन को नियंत्रित करने, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने और आतंकवाद से लड़ने के माध्यम से रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए तैयार हैं.
किन सेक्टर्स को होगा फायदा
विशेषज्ञों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका फर्स्ट एजेंडा भारत-अमेरिका व्यापार को प्रभावित करेगा. हालांकि, यह फ्रेंड-शोरिंग के जरिए भारत को फायदा पहुंचा सकता है. सभी आयातों पर 10-20 फीसदी और चीनी सामानों पर 60-100 फीसदी टैरिफ का उनका चुनावी वादा भारतीय कपड़ों, जूतों और खिलौनों को अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकता है. इसके अलावा, भारत और अमेरिका ने हाल ही में अपने विवादों को डब्ल्यूटीओ से बाहर, सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है. दोनों देश आपसी लाभ के लिए व्यापार मामलों पर द्विपक्षीय बातचीत करने को हमेशा तैयार हैं
मोदी-ट्रंप दोस्ती का भी मिलेगा लाभ
यहां ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक बना हुआ है. दोनों के बीच 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 119.72 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. भारत मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार उपकरण, कीमती पत्थर, वस्त्र और समुद्री उत्पादों का निर्यात करता है, जबकि कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला और आईटी हार्डवेयर का आयात करता है. ऐसे में ट्रंप के आने से भारत को व्यापारिक तौर पर और लभा मिल सकता है. भारत को डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की दोस्ती और व्यक्तिगत संबंधों का भी लाभ मिल लसकता है. दोनों के बीच के रिश्ते भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाएंगे और व्यापार, रक्षा और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर द्विपक्षीय समझौतों की कोशिश करेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 7, 2024, 05:59 IST