ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के हर एक वोटर को धन्यवाद दिया. लेकिन अगले ही पल उन्होंने अपने पास खड़े उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस की जमकर तारीफ की. कहा-मैं जेडी वेंस को बधाई देने वाला पहला व्यक्ति बनना चाहता हूं. अब मैं उन्हें वाइस प्रेसिडेंट बनने के लिए बधाई दे सकता हूं. साथ ही, उनकी खूबसूरत पत्नी उषा वेंस को भी बधाई…आज हम आपको उषा वेंस के बारे में बताते हैं, जिसे जेडी वेंस पत्नी के अलावा ‘गुरु’ मानते हैं. उषा वेंस का भारत से गहरा रिश्ता है.
ट्रंप के संबोधन के बाद सबकी निगाहें उषा वेंस पर जाकर टिक गईं, जो अमेरिका में फर्स्ट इंडियन ओरिजिन सेकेंड लेडी बनने जा रही हैं. ऊषा चिलुकुरी की जड़ें भारत के आंध्र प्रदेश से जुड़ी हुई हैं. जहां उनके माता-पिता रहते थे. बाद में वे अमेरिका जाकर बस गए. 1986 में सैन डिएगो के एक घर में ऊषा वेंस का जन्म हुआ. ऊषा का बैकग्राउंड अपने पति से काफी अलग था. ऊषा ने येल से ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली. वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स और ब्रेट कवानौघ की क्लर्क के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. ऊषा इन दिनों वकालत कर रही हैं.
कैसे मिले और कब हुई शादी
ऊषा चिलुकुरी जब येल लॉ स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं, तभी साल 2013 में उनकी मुलाकात जेसी वेंस से हुई. 2014 में केंटकी में दोनों ने शादी कर ली. यह शादी भी बेहद खास थी, क्योंकि इसे हिन्दू रीतिरिवाज से किया गया. एक हिन्दू पुजारी ने दोनों को आशीर्वाद दिया. ऊषा और जेडी के तीन बच्चे हैं. ईवान जो 6 साल के हैं. विवेक 4 साल का और मीराबेल अभी सिर्फ 2 साल का है.
क्यों बताते हैं गुरु
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जेडी वेंस कई बार अपनी पत्नी ऊषा की तारीफ करते रहे हैं और वो उन्हें अपनी येल की ‘आध्यात्मिक गुरु’ बताते हैं. सीएनएन से बातचीत में जेडी वेंस ने ऊषा के बारे में कहा था, वो बेहद खास हैं. उन सवालों को भी समझ जाती हैं जो मुझे पता तक नहीं होते. ऊषा हमेशा उन अवसरों को हासिल करने के लिए कहती हैं, जिनके होने के बारे में मुझे मालूम भी नहीं होता. इसलिए वे हमेशा हमारी गुरु हैं.
पति को नया मुकाम दिलाया
38 साल की ऊषा वेंस ने अपनी पति को एक नया मुकाम दिलाने में खूब मदद की. उन्हीं की वजह से जेडी बेंस की बुक ‘हिलबिली एलीगी’ बेस्ट सेलर बनी. खूब नाम दिया. यहां तक कि उनकी इस किताब पर फिल्म तक बन गई. ‘हिलबिली एलीगी’ में जेडी वेंस ने अपने दादा, दादी के बारे में पूरी संवेदनशीलता के साथ लिखा था. ऊष वेंस को लगा कि यह किताब बिल्कुल अलग है और लोगों को पसंद आ सकती है. इसलिए उन्होंने खुद इसके लिए दिनरात मेहनत की.
धार्मिक लड़की हूं
आप जानकर हैरान होंगे कि उषा वेंस 2014 में डेमोक्रेटिक पार्टी की मेंबर थीं. पति के साथ रिश्ते पर ऊषा वेंस ने एक बार कहा था, मैं एक धार्मिक घराने में पली बढ़ी हूं. मेरे माता-पिता हिन्दू हैं. यही एक चीज है जो उन्होंने मुझे सिखाई और एक अच्छा इंसान बनाया. मैं जब जेडी से मिली तो लगा कि वह किसी चीज की तलाश में हैं. मैं उनके अंदर एक शक्ति देखी और वहीं से सबकुछ बदल गया. जेडी वेंस की जीत पर आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के वडलुरु गांव में जश्न का माहौल था. आखिर दामाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति जो बनने जा रहा था. लोग कहते दिखे कि हमें गर्व है कि ऊषा हमारे गांव की रहने वाली हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 6, 2024, 19:30 IST