ट्रंप टैरिफ का जवाब भारत कैसे दे...भागवत ने बताया, मोदी का मंत्र भी दोहराया

3 weeks ago

Last Updated:October 02, 2025, 10:24 IST

Mohan Bhagwat Speech: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी स्पीच में ट्रंप टैरिफ, स्वदेशी, आत्मनिर्भरता, नेपाल क्रांति, श्रीलंका, बांग्लादेश, विविधता और कानून के दायरे में मतभेद पर जोर दिया.

ट्रंप टैरिफ का जवाब भारत कैसे दे...भागवत ने बताया, मोदी का मंत्र भी दोहरायामोहन भागवत ने ट्रंप टैरिप पर क्या कहा?

Mohan Bhagwat Speech: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर पर अब भारत को क्या करना चाहिए? इसका तरीका आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने बताया है. मोहन भागवत ने आरएसएस मुख्यालय में विजयादशमी स्पीच में पीएम मोदी के स्वदेशी वाले मंत्र को दोहराया. उन्होंने ट्रंप टैरिफ पर टिप्पणी की और कहा कि इसकी मार सब पर पड़ रही है. भारत के खिलाफ अमेरिकी टैरिफ पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आयात पर निर्भरता मजबूरी नहीं बननी चाहिए और स्वदेशी या स्वदेशी उत्पादन का कोई विकल्प नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने जो टैरिफ नीति अपनाई, वह उसके हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी, मगर उसकी मार सब पर पड़ रही है. दुनिया एक-दूसरे पर निर्भर होकर काम करती है… कोई भी देश अलग-थलग नहीं रह सकता. यह निर्भरता मजबूरी में नहीं बदलनी चाहिए… हमें स्वदेशी पर निर्भर रहना होगा और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करना होगा. साथ ही अपने सभी मित्र देशों के साथ राजनयिक संबंध बनाए रखने का प्रयास करना होगा, जो हमारी इच्छा से और बिना किसी मजबूरी के होंगे.’

नेपाल क्रांति का क्यों जिक्र?

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नेपाल में हाल ही में हुई क्रांति का भी जिक्र किया. नेपाल में जेन-जी क्रांति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘पड़ोस में अशांति कोई अच्छा संकेत नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘श्रीलंका, बांग्लादेश और हाल ही में नेपाल में जनाक्रोश के हिंसक विस्फोट के कारण सत्ता परिवर्तन हमारे लिए चिंता का विषय है. भारत में ऐसी अशांति फैलाने की चाहत रखने वाली ताकतें हमारे देश के अंदर और बाहर दोनों जगह सक्रिय हैं.’ उन्होंने आगे कहा, हिंसक विद्रोह से कुछ हासिल नहीं होता. वे केवल अराजकता फैलाते हैं. अशांति विदेशी शक्तियों को दखलंदाज़ी का मौका देती है.’

अराजकता और मतभेद पर संदेश

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि विविधता भारत की परंपरा है और हमें अपने मतभेदों को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कुछ मतभेद कलह का कारण बन सकते हैं. मतभेदों को कानून के दायरे में व्यक्त किया जाना चाहिए. समुदायों को उकसाना अस्वीकार्य है. प्रशासन को निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए, लेकिन युवाओं को भी सतर्क रहना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करना चाहिए. अराजकता के व्याकरण को रोकना होगा.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हम’ बनाम ‘वे’ की मानसिकता “स्वीकार्य नहीं है.’

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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First Published :

October 02, 2025, 10:24 IST

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