Last Updated:October 06, 2025, 11:14 IST
Pakistan Operation Sindoor News: अमेरिका ने पाकिस्तान के सैन्य साजो-सामान की मरम्मत के लिए एक्सपर्ट्स की टीम भेजी है. पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर ने डोनाल्ड ट्रंप से खास तौर से मदद मांगी थी, जिससे बाद उन्होंने यह कदम उठाया.
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से खुद मिलकर मदद मांगी थी. (फाइल फोटो)भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने इस साल मई में पाकिस्तान के कई वायु सेना ठिकानों को बुरी तरह से पंगु कर दिया था. इससे पाकिस्तान के F-16 विमान और स्वीडन में बने AWACS विमान से लेकर रडार सिस्टम और कमांड सेंटर्स तक खराब हो गए थे. अब CNN-न्यूज18 को कुछ खास दस्तावजे मिले हैं, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान अब इनकी तुरंत मरम्मत के लिए भाग-दौड़ कर रहा है.
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना ने 9-10 मई को एयर स्ट्राइक की थी. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर धावा बोल दिया, लेकिन फिर भारतीय सेना ने जो मुंहतोड़ जवाब दिया उससे पाकिस्तानी आर्मी की कमर टूट गई थी.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को कितना नुकसान?
भारतीय हमले ने पाकिस्तान की अहम सैन्य संरचना को खासा नुकसान पहुंचाया. इनमें स्वीडन में बना एक साब 2000 एराइ (Erieye) AWACS, एक C-130 विमान और कम से कम चार F-16 लड़ाकू विमान शामिल हैं. कई रडार सिस्टम, कमांड और कंट्रोल यूनिट और वायु रक्षा प्रतिष्ठान भी मिसाइल हमलों में कई ठिकानों पर निशाना बनाए गए.
सबसे बड़ा हमला पाकिस्तानी एयरफोस के भोलारी एयरबेस पर हुआ, जहां एक हैंगर में खड़ा F-16 विमान नष्ट हो गया और पांच पाकिस्तानी वायु सेना कर्मियों की मौत हो गई, जिनमें एक स्क्वाड्रन लीडर और चीफ टेक्नीशियन शामिल थे. इसी ठिकाने पर मौजूद AWACS Erieye को भी नुकसान हुआ, जिसे बाद में अमेरिकी वायु सेना के इंजीनियरों ने तुरंत आकर ठीक किया.
इसके अलावा पाकिस्तान के अन्य सैन्य ठिकानों पर भी भारी नुकसान की खबरें सामने आईं. जैकबाबाद स्थित शहबाज एयरबेस पर हैंगर में दो F-16 नष्ट हो गए थे. रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर एक F-16 और एक C-130 पर सटीक हमला हुआ. वहीं सरगोधा, रहीम यार खान और मुशाफ एयरबेस पर रनवे, हैंगर और संचार प्रणालियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं.
40 करोड़ डॉलर का इमर्जेंसी फंड जारी
वहीं पाकिस्तानी रक्षा सूत्रों ने बताया कि मरम्मत और अपग्रेड के लिए मई के अंत में 400 से 470 मिलियन डॉलर का इमर्जेंसी फंड मंजूर किया गया है. रिपोर्ट में दावा है कि अमेरिका ने चीन को इस मरम्मत में मदद करने से रोक दिया, क्योंकि उसे F-16 और C-130 की तकनीक चोरी होने की आशंका थी.
पाकिस्तान के सैन्य साजोसामान की मरम्मत को तेज करने के लिए अमेरिका ने दोहा के अल-उदीद एयरबेस, अबूधाबी के अल-धाफ़रा एयरबेस और मैरीलैंड के बेथेस्डा से एक्सपर्ट की टीमों को पाकिस्तान भेजा. दरअसल पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से खुद मिलकर मदद मांगी थी, जिसके बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया.
जून से सितंबर के बीच कई अमेरिकी सैन्य विमान (C-17 और C-130) को नूर खान एयरबेस पर उतरते हुए ट्रैक किया गया. इसके बाद इसी साल जुलाई में पाकिस्तान ने अमेरिकी जनरल कुरिल्ला को अपने सर्वोच्च सैन्य सम्मान से भी नवाजा.
कमजोरियां दूर करने में जुटा पाकिस्तान
वैसे तो पाकिस्तान अपने ज़्यादातर सैन्य प्रतिष्ठानों की मरम्मत कर चुका है, लेकिन रहीम यार खान एयरबेस का रनवे अब भी दक्षिण पंजाब में आई बाढ़ के कारण सेवा से बाहर है. पाकिस्तानी वायुसेना अब हाइब्रिड अमेरिकी-चीनी सैटेलाइट इंटीग्रेटेड रडार सिस्टम के साथ अपग्रेड पर तेज़ी से काम कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी कमजोरियों से बचा जा सके.
यह खुलासा ऑपरेशन सिंदूर के पैमाने, सटीकता और उसके प्रभावों को दर्शाता है. इसने पाकिस्तान की वायु क्षमता को रणनीतिक रूप से कमजोर कर दिया और यह भी दिखाया कि चीन के बढ़ते सहयोग के बावजूद पाकिस्तान अमेरिकी सैन्य मदद पर निर्भर है.
यह खुलासा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पैमाने, सटीकता और उसके बाद के प्रभावों को उजागर करता है, जिसने पाकिस्तान की वायु क्षमता को रणनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाया और यह दिखाया कि बढ़ते चीनी सहयोग के बावजूद इस्लामाबाद की अमेरिकी सैन्य मदद पर निर्भरता बढ़ रही है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 06, 2025, 11:14 IST

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