West Bengal SIR News: पश्चिम बंगाल में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक संग्राम तेज हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया को “खतरनाक स्टेज” पर पहुंचा हुआ बताते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को चिट्ठी लिखी है और तत्काल SIR रोकने की अपील की है. ममता का कहना है कि यह प्रक्रिया “अव्यवस्थित और दबाव बनाने वाली” है. इसकी वजह से न सिर्फ अधिकारी बल्कि आम नागरिक भी खतरे में हैं.
दूसरी तरफ बीजेपी ने इसे ममता बनर्जी की “हताशा” करार दिया है. पार्टी का दावा है कि SIR से मतदाता सूची की सफाई हो रही है और फर्जी वोटरों की पहचान के बाद TMC पूरी तरह घबरा गई है. प्रवीण भंडारी और अमित मालवीय जैसे नेताओं ने ममता पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि यह पत्र TMC नेतृत्व के “घबराहट और चिंता” का साफ संकेत है.
West Bengal CM Mamata Banerjee writes to CEC Gyanesh Kumar – “…I am compelled to write to you as the situation surrounding the ongoing Special Intensive Revision (SIR) has reached a deeply alarming stage. The manner in which this exercise is being forced upon officials and… pic.twitter.com/n02aQ24eS3
ममता बनर्जी का आरोप: जबरदस्ती थोपे जाने वाली प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि SIR के कारण पूरे राज्य में अव्यवस्था फैल गई है. उन्होंने कहा कि कई BLO को भारी दबाव झेलना पड़ रहा है और कई मौतें भी इसी तनाव से जुड़ी हैं. ममता ने जालपाईगुड़ी में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के सुसाइड का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मानव लागत किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अस्वीकार्य है.
ममता के पत्र की मुख्य बातें
SIR प्रक्रिया “अनियोजित और अव्यवस्थित”.
अधिकारियों पर अत्यधिक दबाव, काम का बोझ असहनीय. दस्तावेजों की मांग में भ्रम, BLO के लिए समय पर घर-घर पहुंचना मुश्किल. जालपाईगुड़ी की BLO की आत्महत्या का उदाहरण. ममता ने SIR को तत्काल रोकने की मांग की. प्रक्रिया की कार्यप्रणाली और टाइमलाइन की पुनर्समीक्षा की अपील.लोग मर रहे हैं, पत्र लिखना पूरी तरह जायज: TMC की दलील
TMC नेता कुनाल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पत्र इसलिए लिखा है क्योंकि मौजूदा हालात बेहद संवेदनशील हैं. उन्होंने कहा कि कुछ सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा चूक भी सामने आई है और BSF को इसका जवाब देना चाहिए. घोष ने कहा कि बंगाल की लड़ाई TMC ही लड़ेगी और भाजपा पर चुनाव आयोग पर दबाव बनाने का आरोप लगाया.
BJP का पलटवार- TMC डरी हुई है, SIR ने असलियत उजागर कर दी
BJP नेताओं ने एक-एक कर जवाब दिया और TMC को घबराया हुआ बताया. प्रदीप भंडारी ने कहा, “TMC की टॉप लीडरशिप बुरी तरह हिल चुकी है.” उन्होने आरोप लगाते हुए कहा, TMC ने सालों तक “फर्जी वोटरों” से फायदा उठाया. SIR फर्जी एंट्री हटाकर मतदाता सूची साफ कर रहा है.
Signs of Desperation from Mamata Banerjee!
Mamata Banerjee writing a letter to the Election Commission on ‘halting the SIR exercise’ is nothing short of an admission that TMC’s top leadership is rattled.
वहीं बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “TMC का राजनीतिक अस्तित्व फर्जी वोटों पर टिका है. 2026 में बंगाल की जनता इस “सच्चाई” के आधार पर फैसला करेगी. पूरे गांव खाली हो रहे हैं, लोग SIR फॉर्म भरने से डर रहे हैं.”
India shares its international land borders with seven countries, stretching across a total of about 15,106.7 km. The longest of these is the boundary with Bangladesh, extending 4,096.7 km and touching the states of West Bengal, Assam, Meghalaya, Tripura, and Mizoram.
The BSF…
अमित मालवीय ने दावा किया कि नदिया के कृष्णागंज जैसी जगहों पर हालात इतने बदल गए हैं कि TMC समर्थक बड़ी संख्या में देश छोड़कर भाग रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ लोकल कमेटियों में ऐसे लोग शामिल थे जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे. इस वजह से कई गांव खाली हो रहे हैं और लोग SIR फॉर्म लेने या जमा करने से बच रहे हैं.
SIR प्रक्रिया क्या है?
| क्या है SIR? | मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया |
| उद्देश्य | पुराने, फर्जी, दोहरे नाम हटाना; नए योग्य वोटर जोड़ना |
| कौन करता है? | चुनाव आयोग, BLO के माध्यम से |
| विवाद क्यों? | दस्तावेज मांग, कार्यभार, फर्जी वोटर हटने के आरोप, राजनीतिक टकराव |
| राजनीतिक प्रभाव | सभी दलों के लिए वोट बैंक पर सीधा असर |
राजनीतिक तापमान क्यों बढ़ा?
SIR सीधे वोटर लिस्ट को प्रभावित करता है, और बंगाल जैसी राजनीतिक रूप से तीखी जमीन पर इसके बड़े राजनीतिक निहितार्थ हैं. सत्ताधारी TMC का आरोप है कि यह प्रक्रिया “राजनीतिक रूप से प्रेरित” है. जबकि BJP इसे “वोटर लिस्ट में पारदर्शिता का सुधार” बता रही है.
अब आगे क्या?
चुनाव आयोग पर अब दोनों तरफ से दबाव है. एक ओर ममता बनर्जी का आग्रह कि प्रक्रिया रोकी जाए, दूसरी ओर BJP की मांग कि इसे और कड़ाई से लागू किया जाए. आने वाले दिनों में EC की प्रतिक्रिया राजनीतिक हलकों में बड़ा संकेत मानी जाएगी.
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1 hour ago
