ट्रंप प्रशासन में इस भारतीय को मिलेगी अहम जिम्मेदारी! उठा चुके हैं हिंदुओं की आवाज

1 week ago

Vivek Ramaswamy: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बंपर जीत दर्ज की है. इसके बाद ट्रंप प्रशासन में शामिल होने वाले अधिकारियों को लेकर चर्चा होने लगी है. इस बीच यह बात सामने आ रही है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निक्की हेली के लिए अपनी सरकार के दरवाजे बंद कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि वह निक्की हेली को अपने प्रशासन में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं करेंगे.

इस भारतीय को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी

निक्की हेली के लिए भले ही दरवाजे बंद हो गए हैं, लेकिन एक अन्य भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी को अहम भूमिका मिलने की संभावनाएं अभी बाकी हैं. ट्रंप ने यह ऐलान किया है कि पूर्व विदेश मंत्री और सेंट्रल इंटेलिजेंस चीफ माइक पोम्पिओ को भी जॉब नहीं देंगे. रिप्बलिकन नेता ने ट्रुथ सोशल पर कहा, 'मैं पूर्व राजदूत निक्की हेली या पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को ट्रंप प्रशासन में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं करूंगा.' हालांकि, उन्होंने दोनों की तारीफ भी की, 'मुझे पहले उनके साथ काम करके बहुत आनंद आया और मैंने उनकी सराहना की और देश के लिए उनकी सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहूंगा.'

विवेक रामास्वामी की तारीफ कर चुके हैं ट्रंप

एक अन्य भारतीय अमेरिकी और रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी को ट्रंप प्रशासन में जगह मिल सकती है. पेंसिल्वेनिया में एक कैंपेन रैली के दौरान, डोनाल्ड ट्रंप उनकी काफी तारीफ कर चुके हैं. रैली में ट्रंप ने कहा था कि रामास्वामी 'बहुत होशियार” हैं और 'वे किसी ऐसी चीज का हिस्सा बनने जा रहे हैं जो वाकई बहुत बड़ी होगी.'

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मैं उन्हें अभी यह नहीं बताना चाहता कि वे किस पद पर हैं. हम सही व्यक्ति को चुनेंगे.' उन्होंने आगे आगे कहा, 'हम उन्हें इन बड़े राक्षसों (सरकार में) में से किसी एक का प्रभारी बना सकते हैं और वे किसी भी अन्य व्यक्ति से बेहतर काम करेंगे जिसके बारे में आप सोच सकते हैं.'

हिंदुओं को लेकर उठा चुके हैं आवाज

हाल ही में विवेक रामास्वामी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक अमेरिकी नागरिक से हिंदुओं को लेकर बहस कर रहे है. वीडियो मे अमेरिकी नागरिक ने कहा कि हिंदू धर्म एक दुष्ट, मूर्तिपूजक धर्म है. इस पर विवेक रामास्वामी ने बड़े ही शांति से इसका जवाब दिया और कहा कि कुछ दक्षिणपंथी उन्हें इसलिए अस्वीकार करते हैं, क्योंकि वह एक 'ईश्वरवादी' और 'ईसाई धर्म के दुश्मन' थे. दोनों ही मूर्ख हैं. इस घटना ने हिंदू धर्म की सहिष्णुता पर बहस छेड़ दी है और हिंदू धर्म के खिलाफ बातें करने के लिए अमेरिकी नागरिक की आलोचना की जा रही है.

Some on the left reject Thomas Jefferson because he was a “slaveholder.” Some on the right reject him because he was a “deist” & “an enemy of Christianity.” Both are foolish. A fun teaching moment tonight.  pic.twitter.com/kpuXMJhz95

— Vivek Ramaswamy (@VivekGRamaswamy) October 16, 2024

कैबिनेट पद संभालने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनी थीं हेली

हेली कैबिनेट पद संभालने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनी थीं, जब ट्रंप ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया. यह अमेरिका में एक उच्च-स्तरीय पद है. हेली ने केवल दो साल बाद यह पद छोड़ दिया और चुपचाप दक्षिण कैरोलिना राज्य से बाहर अपना आधार बनाना शुरू कर दिया, जहां वे गवर्नर रह चुकी थीं.

हेली ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की नाकाम कोशिश की. वह सबसे आखिर में उम्मीदवारी की दौड़ से अलग हुईं और फिर पूर्व राष्ट्रपति को समर्थन दिया. इसने ट्रंप को नाराज कर दिया. हेली ने कहा कि वह ट्रंप के लिए प्रचार करने के लिए तैयार थीं, लेकिन उन्हें रैलियों या किसी भी कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

Read Full Article at Source