तहव्वुर राणा की तरह अनमोल बिश्नोई का क्यों नहीं दिखा 'असली चेहरा', जानें वजह

1 hour ago

Last Updated:November 19, 2025, 15:29 IST

Anmol Bishnoi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से डिपोर्ट करके भारत लाया गया है, जहां उसकी पेशी दिल्ली के पटियाला कोर्ट में हुई. लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अनमोल की सिर्फ पीछे की तस्वीर जारी की, सामने की तस्वीर नहीं. जांच एजेंसियों द्वारा इस तरह से आरोपी का चेहरा छिपाने के पीछे क्या कहानी है?

तहव्वुर राणा की तरह अनमोल बिश्नोई का क्यों नहीं दिखा 'असली चेहरा', जानें वजह

नई दिल्ली. भारतीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को भारत लेकर आई है. दिल्ली की पटियाला कोर्ट में अनमोल बिश्नोई की पेशी भी हो गई है. लेकिन पेशी से ठीक पहले एनआईए ने अनमोल बिश्नोई की जो तस्वीर जारी की है, वह चर्चा में है. एनआईए ने अनमोल का चेहरे वाली फोटो जारी न कर पीछे यानी बैक साइड वाला फोटो जारी की है. एनआईए ने ऐसा ही फोटो जारी की है, जो इसी साल तहव्वुर राणा के भारत आने पर जारी की थी. ऐसे में सवाल उठता है कि अनमोल बिश्नोई का सामने वाला चेहरा एनआईए ने क्यों नहीं जारी नहीं किया? क्या इसके पीछे कानूनी पेंच है या फिर जिस देश से डिपोर्ट कर के लाया गया है, वहां का नियम? या फिर जानबूझकर अनमोल की तस्वीर को भारतीय जांच एजेंसी सार्वजनिक नहीं करना चाहती?

अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई के भाई और गैंग के अहम सदस्य अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत लाने की कार्रवाई राष्ट्रीय जांच एजेंसी के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. बुधवार को जब उसे दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, तो सभी की नज़रें उसकी नई तस्वीर पर थीं. लेकिन एनआईए ने जो तस्वीर जारी की है, वह सिर्फ पीछे की तरफ से ली गई है, जिसमें उसका चेहरा नहीं दिखाई देता. जांच एजेंसी का यह कदम अचानक नहीं है, बल्कि यह एक गहरे कानूनी और जांच संबंधी पेंच से जुड़ा है, जिसे ‘पहचान परेड’ (Identification Parade) की अखंडता बनाए रखने के लिए उठाया जाता है.

अनमोल का चेहरा क्यों नहीं दिखा?

क्राइम के जानकार कहते हैं इसके पीछे कई कारण हैं, लेकिन सुरक्षा कारण अहम है. क्योंकि तहव्वुर राणा को भी भारत लाने के बाद उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखा गया था. पहचान परेड होने तक उसके चेहरे को सार्वजनिक नहीं करने का फैसला लिया गया. उसकी पहचान परेड बाकी थी और इसके बाद ही उसकी सामने से आधिकारिक तस्वीर जारी की जाती. ऐसे में पहली जो तस्वीरें सामने आईं, वे उसकी कस्टडी में होने की थीं और उनमें उसका चेहरा नहीं दिख रहा था, बल्कि वह अधिकारियों के साथ था और उसके चेहरे को गुप्त रखा गया था.

एनआईए का क्या है नया प्लान?

किसी भी बड़े अपराध, खासकर जटिल और संगठित अपराध के मामलों में जांच एजेंसी आरोपी का चेहरा तब तक सार्वजनिक नहीं करती जब तक कि कानूनी रूप से ज़रूरी पहचान परेड पूरी न हो जाए. इसके पीछे न्यायिक प्रक्रिया की अखंडता है. कानून के तहत पीड़ितों और गवाहों को जेल में या किसी अन्य जगह मेजिस्ट्रेट की निगरानी में एक पहचान परेड के दौरान आरोपी की शिनाख्त करनी होती है. यदि आरोपी का चेहरा पहले ही मीडिया या सार्वजनिक रूप से दिखा दिया जाता है, तो शिनाख्त परेड का महत्व समाप्त हो जाता है. अदालत इसे कमजोर सबूत मानकर खारिज कर सकती है, जिससे आरोपी को बचने का रास्ता मिल सकता है.

अनमोल की कहां-कहां की पुलिस कर रही तलाश?

बता दें कि अनमोल बिश्नोई पर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड, बाबा सिद्दीकी मर्डर केस और सलमान खान के घर पर फायरिंग जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में षड्यंत्र रचने का आरोप है. इन सभी मामलों के गवाहों या अन्य आरोपियों से उसकी शिनाख्त करवाना जांच एजेंसियों के लिए अहम है. इसलिए, चेहरा छिपाना एजेंसियों को अगले कदम के लिए कानूनी आधार प्रदान करता है.

कुल मिलाकर विदेश से प्रत्यार्पित करके लाए गए आरोपियों के मामले में फोटो नहीं का मामला अधिक देखा जाता है, जहां जांच एजेंसी को जल्दबाजी में गवाहों के सामने उन्हें पेश करना होता है. अनमोल बिश्नोई का मामला चूंकि देश के अलावा विदेश से जुड़े अपराधों की श्रृंखला से जुड़ा है, इसलिए एनआईए किसी भी कानूनी कमजोरी की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती. जांच एजेंसी पहले पहचान परेड पूरी करेगी और उसके बाद ही शायद आरोपी की पूरी तस्वीर सार्वजनिक की जाएगी. फिलहाल, यह अज्ञात चेहरा ही एनआईए की जांच का सबसे बड़ा हथियार है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

November 19, 2025, 15:23 IST

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