Taliban: तालिबान ने जब से अपगानिस्तान की सत्ता संभाली है, तभी से महिलाओं को लिए बुरे दिन शुरू हो गए हैं. एक-एक कर अनगिनत पांदियां महिलाओं पर लगा दी गई हैं. इसी कड़ी में और तानाशाही कदम उठाते हुए तालिबान ने महिलाओं के लिए नर्सिंग की पढ़ाई पर पाबंदी लगा दी है. हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं किया गया लेकिन लगभग सभी संस्थानों के डायरेक्टर्स के साथ मीटिंग करने के बाद सर्वोच्च नेता के आदेश पर अमल करने को कहा गया है. अफगानिस्तान पहले से ही स्वास्थ्य सिस्टम में बदहाली का कर रहा है ऐसे में उसके ज़रिए उठाया जा रहा ये कदम जनता के लिए और भी नुकसानदह साबित हो सकता है.
रोने लगीं ट्रेनी छात्र
हालांकि तालिबान की तरफ से इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के दो अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से बीबीसी अफगान से इन पाबंदियों की पुष्टि की है. बीबीसी के साथ साझा किए गए वीडियो में कुछ संस्थानों में ट्रेनी छात्र को इस खबर पर रोते हुए दिखाया गया है. सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सोमवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने निर्देश को आगे बढ़ाने के लिए काबुल में शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक की.
क्या कह रहे हैं संस्थानों के डायरेक्टर?
अधिकारी ने कहा,'कोई आधिकारिक पत्र नहीं है, लेकिन संस्थानों के डायरेक्टर्स को एक मीटिंग में बताया दिया गया है कि महिलाएं और लड़कियां अब उनके संस्थानों में नहीं पढ़ सकती हैं.' बताया जा रहा है कि इस संबंध उन्हें औचित्य या विवरण भी नहीं दिया गया, सिर्फ सर्वोच्च नेता के आदेश के बारे में आगाह किया गया और उसे लागू करने की बात कही गई है.' बैठक में शामिल हुए एक संस्थान प्रबंधक ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि दर्जनों डायरेक्टर मौजूद थे. कर्मचारी ने कहा कि संस्थानों को अंतिम परीक्षा पूरी करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है, जबकि कुछ प्रबंधकों ने मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा है और अन्य ने लिखित निर्देश के अभाव में संचालन जारी रखा है.
पहले से खस्ता हाल है अफगानिस्तान के मेडिकल सिस्टम
बता दें कि अफगानिस्तान स्वास्थ्य सिस्टम पहले से ही खस्ता हालत है, ना सिर्फ दवाइयों की किल्लत है बल्कि वहां स्टाफ की भारी कमी है. इसी बात चीज को जाहिर करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंध से देश की संघर्षरत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के सामने पहले से ही मौजूद चुनौतियों में और इज़ाफा होगा. न्यूज एजेंसियों के मुताबिक उन्होंने आगे कहा,'हमारे पास पहले से ही प्रोफेसनल डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी है, ऐसे में यह कदम उठाए जाने के बाद हमें और भी किल्लतों का सामना करना पड़ेगा.'