Last Updated:July 31, 2025, 16:46 IST
LCA Mk2 Jet Engine: भारत में अब अमेरिकी तकनीक से बने लड़ाकू विमान इंजन तैयार होंगे. HAL और GE Aerospace के बीच हुए करार के तहत तेजस Mk2 के लिए इंजन भारत में बनेगा.

हाइलाइट्स
HAL ने GE के साथ भारत में इंजन निर्माण के लिए समझौता किया.तेजस Mk2 2026 तक उड़ान भरेगा, 2029 से शुरू होगा उत्पादन.इंजन तकनीक का 80% ट्रांसफर हुआ है.देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत के सपने को एक और नई उड़ान मिली है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अमेरिकी कंपनी GE Aerospace के साथ एक बड़ा समझौता किया है, जिससे अब भारत में ही अत्याधुनिक लड़ाकू विमान का इंजन बनने लगेगा. इस इंजन का इस्तेमाल आने वाले तेजस Mk2 लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. यह सिर्फ एक और डिफेंस डील नहीं है, बल्कि इस करार का मतलब है कि अब भारत विदेशी कंपनियों पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि खुद अपने लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा चुका है.
क्या है तेजस Mk2 और क्यों है यह ज़रूरी?
भारत ने कुछ साल पहले अपना खुद का लड़ाकू विमान तेजस Mk1 तैयार किया था. अब इसका अगला और ज़्यादा आधुनिक वर्जन- तेजस Mk2, बनाया जा रहा है. यह नया विमान ज्यादा ताकतवर इंजन, ज्यादा हथियार ले जाने की क्षमता, लंबी दूरी तक उड़ान और एडवांस तकनीक से लैस होगा.
भारतीय वायुसेना के पास इस समय पुराने रूसी विमान जैसे मिग-21 हैं, जो अब रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में तेजस Mk2 जैसे नए विमान बेहद जरूरी हैं, ताकि देश की हवाई सुरक्षा में कोई कमी न आए.
अमेरिका की GE कंपनी देगी तकनीक
HAL और अमेरिका की GE Aerospace कंपनी ने मिलकर एक एग्रीमेंट साइन किया है. इस करार के तहत GE कंपनी अपने F414 नामक इंजन की तकनीक भारत को देगी और HAL इस इंजन को देश में ही बनाएगा. यानी अब भारतीय विमान विदेशी इंजन पर नहीं, बल्कि भारत में बने इंजन पर उड़ेंगे.
इस समझौते में लगभग 80 फीसदी तकनीकी जानकारी अमेरिका से भारत को मिल जाएगी. यही नहीं, HAL और GE अब इस करार को पूरी तरह से फाइनल करने की प्रक्रिया में हैं और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह भी हो जाएगा.
Mk2 के लिए काम शुरू, 2026 में पहली उड़ान
तेजस Mk2 विमान का निर्माण अब रफ्तार पकड़ चुका है. इसके लिए प्रोटोटाइप (नमूना) तैयार किया जा रहा है. अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक चला, तो 2026 की शुरुआत में यह विमान तैयार हो जाएगा और साल के अंत तक इसकी पहली उड़ान होगी.
इसके बाद इस विमान को 2029 तक पूरी तरह से मंजूरी मिलने की उम्मीद है और उसी साल से इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन भी शुरू हो जाएगा. योजना यह है कि 2035 तक कुल 120 तेजस Mk2 विमान बनाए जाएं.
Mk1A विमान की डिलीवरी में हुई देरी
तेजस Mk1A की डिलीवरी फरवरी 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन इसमें देरी हो गई क्योंकि अमेरिका से आने वाले F404 इंजन समय पर नहीं पहुंचे. फिर भी HAL ने 6 Mk1A विमान बना लिए हैं, जो फिलहाल रिज़र्व इंजन के सहारे उड़ान भर रहे हैं. अब HAL ने भरोसा दिलाया है कि 2025-26 तक कुल 12 Mk1A विमान वायुसेना को दे दिए जाएंगे.
तेजस: भारत का अपना लड़ाकू विमान
तेजस एक हल्का, एक इंजन वाला, चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है. इसे भारत में ही डिज़ाइन और तैयार किया गया है. यह विमान 1980 के दशक में शुरू हुए एक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका मकसद था कि पुराने मिग-21 विमानों की जगह भारतीय तकनीक से बने नए विमान वायुसेना को दिए जाएं.
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