'... तो सामने वाला फायदा उठाने लगता है', जयशंकर यूं भांप गए थे ट्रंप की चाल!

1 day ago

Last Updated:March 15, 2025, 17:49 IST

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कम हुआ है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत को अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर देना चाहिए.

'... तो सामने वाला फायदा उठाने लगता है', जयशंकर यूं भांप गए थे ट्रंप की चाल!

ब्रिटेन की यात्रा पर गए थे विदेश मंत्री एस जयशंकर.

हाइलाइट्स

लंदन में जयशंकर ने कहा, अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कम हो रहा है.भारत को अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर देना चाहिए, बोले जयशंकर.ट्रंप की अनिश्चितता भारत के लिए जोखिम नहीं, EAM का बयान.

नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्‍ट्रपति बनने के बाद दुनिया काफी बदल गई है. टैरिफ को लेकर भारत के साथ भी अमेरिका का पंगा चल रहा है. इसी बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फायनेंशियल टाइम्स को इंटरव्यू दिया है. ब्रिटेन यात्रा के दौरान लंदन में लंच पर बातचीत के दौरान, जयशंकर ने तमाम मुद्दों पर भारत का पख रखा. डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति को समझना कोई मुश्किल काम नहीं है. वे जो कहते हैं, वही करते हैं. जयशंकर ने इसे बखूबी समझा और स्वीकार भी किया कि अमेरिका अब पहले जैसा वैश्विक भूमिका निभाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. उन्होंने स्पष्ट कहा, “अमेरिकन अब वैश्विक मामलों में खुद को कम उलझाना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें ज्यादा खर्च हो रहा है और लाभ कम मिल रहा है.”

क्या भारत के लिए ट्रंप फायदेमंद हैं?

जयशंकर ने भारत की विदेश नीति को यथार्थवादी दृष्टिकोण से संचालित करने की बात कही. वे मानते हैं कि किसी पुराने वैश्विक ऑर्डर के खत्म होने से चिंता करने की जरूरत नहीं है. अमेरिका के व्यवहार में बदलाव आया है, लेकिन यह भारत के लिए नुकसानदेह नहीं है. ट्रंप के आने से वैश्विक व्यवस्था बहुध्रुवीय हो गई है, और भारत को इसमें एक अहम भूमिका निभानी है.

ट्रंप ने हमेशा भारत को “सबसे बड़ा टैरिफ अब्यूज़र” कहा है, लेकिन जयशंकर इस पर सहज रहते हैं. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत और अमेरिका के बीच इस साल व्यापार समझौता हो सकता है. उनके अनुसार, “हमारे अपने मुद्दे हैं, लेकिन हमें समाधान निकालना होगा.” ट्रंप का व्यापारिक रवैया पूरी तरह से राष्ट्रवादी है, और इसी वजह से वे अपने हितों के लिए समझौते की संभावनाओं को तलाश सकते हैं.

क्या ट्रंप की अनिश्चितता भारत के लिए जोखिम है?

ट्रंप की राजनीति की एक प्रमुख विशेषता उनकी अप्रत्याशितता है. वे कब क्या करेंगे, यह कोई भी सुनिश्चित तौर पर नहीं कह सकता. जयशंकर को इस पर कोई विशेष चिंता नहीं है. वे मानते हैं कि “अनिश्चितता एक रणनीति भी हो सकती है.” उन्होंने क्रिकेट के उदाहरण से इसे समझाया और कहा कि अत्यधिक पूर्वानुमानित रणनीति विपक्ष को लाभ पहुंचा सकती है.

अमेरिका और चीन के बीच भारत की भूमिका

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत के पास अपनी स्वतंत्र विदेश नीति है, जिसे वह अपनी शर्तों पर संचालित करता है. उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका खुद को चीन के मुकाबले कमजोर महसूस करता है, तो यह उसकी समस्या है. हम अपनी नीति खुद तय करेंगे.” ट्रंप की चीन-विरोधी नीति भारत के लिए कुछ हद तक फायदेमंद हो सकती है, लेकिन जयशंकर इसे भारत की कूटनीतिक सफलता से जोड़कर देखते हैं.

जयशंकर ने कहा कि भारत अब पश्चिमी देशों की नकल करने के बजाय अपनी विशिष्ट पहचान पर जोर दे रहा है. उनके अनुसार, “पुराना भारतीय अभिजात्य वर्ग पश्चिमी जीवनशैली को आधुनिकता का प्रतीक मानता था, लेकिन आज भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है और पश्चिम का अंधानुकरण करने के बजाय अपनी पहचान को महत्व दे रहा है.”

‘घट रहा अमेरिका का दबदबा’

जयशंकर मानते हैं कि अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कम हो रहा है और यह भारत के लिए अवसर भी हो सकता है. वे मानते हैं कि “अगर हमें अपने हितों को सुरक्षित रखना है, तो हमें स्वयं को मजबूत बनाना होगा और दूसरों पर निर्भर नहीं रहना होगा.” अमेरिका के कम होते प्रभाव के साथ, भारत के लिए एक नई भूमिका तैयार हो रही है.

Disclaimer: इस आर्टिकल को तैयार करने में AI की मदद ली गई है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 15, 2025, 17:49 IST

'... तो सामने वाला फायदा उठाने लगता है', जयशंकर यूं भांप गए थे ट्रंप की चाल!

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