दिल खुश हो गया! चिड़ियों की सेवा...2000 गमलों से बनाया गया 25 फीट का बर्डहाउस

1 month ago

Summer bird house: मेहसाणा की शिवगंगा एनिमल हेल्पलाइन 16 साल से घायल और अनाथ पशु-पक्षियों की सेवा कर रही है. संस्था ने 2,000 गमलों से 25 फीट ऊंचा पक्षीघर बनाया है, जहां पक्षियों को जंगल जैसा माहौल और इलाज की सुविधा मिलती है.

Local18Last Updated :March 13, 2025, 12:54 ISTEditor pictureWritten by
  Shikhar Shukla

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मेहसाणा की शिवगंगा एनिमल हेल्पलाइन नाम की संस्था पिछले 16 सालों से जरूरतमंद और घायल जानवरों व पक्षियों की सेवा कर रही है. इस संगठन के करीब 70 स्वयंसेवक बिना किसी स्वार्थ के अनाथ और बीमार पशु-पक्षियों की मदद में जुटे रहते हैं.

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अगर कहीं कोई घायल पशु या पक्षी मिलता है, तो संस्था की एम्बुलेंस तुरंत मौके पर पहुंचती है और उसे अस्पताल ले जाकर इलाज और देखभाल करती है.

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इस साल संस्था ने एक ऐसा विशाल पक्षीघर तैयार किया है, जैसा इससे पहले कभी नहीं देखा गया. राधनपुर रोड पर पंचोट गांव में 25 फीट ऊंचे इस पक्षीघर को 2,000 गमलों की मदद से बनाया गया है.

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यह पक्षीशाला खासतौर पर उन पक्षियों के लिए बनाई गई है, जो सुरक्षित आश्रय की तलाश में दूर-दराज से आते हैं. इसमें उन्हें जंगल जैसा माहौल देने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं.

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संस्था ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस पक्षीशाला का तापमान हर मौसम में 5 से 7 डिग्री के बीच बना रहे, ताकि पक्षियों को गर्मी और सर्दी से कोई परेशानी न हो. इसके अलावा यहां बीमार पक्षियों के इलाज की भी व्यवस्था की गई है.

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अगर किसी को सड़क किनारे, खेतों में या किसी और जगह कोई घायल पशु या पक्षी दिखता है, तो बस एक फोन कॉल करने की देर होती है. संस्था की एम्बुलेंस तुरंत मौके पर पहुंच जाती है. फिर उस घायल जीव को संस्था के पशु अस्पताल में लाया जाता है, जहां उसकी पूरी देखभाल और इलाज किया जाता है.

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अगर कोई जानवर या पक्षी इतना घायल हो कि उसे तुरंत अस्पताल ले जाना संभव न हो, तो डॉक्टरों और स्वयंसेवकों की टीम वहीं मौके पर उसका प्राथमिक इलाज करती है और फिर उसे अस्पताल पहुंचाया जाता है.

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शिवगंगा एनिमल हेल्पलाइन को दान और सहयोग से चलाया जाता है. यह एक पंजीकृत ट्रस्ट है, जिससे इसे मिलने वाला दान कर-मुक्त होता है. इस संस्था की प्रेरणा से अब सम्पन्न परिवारों के कई युवा भी इस सेवा से जुड़ने लगे हैं और जानवरों की देखभाल के इस नेक काम में हाथ बंटा रहे हैं.

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