दिल्ली AIIMS का नहीं काटना पड़ेगा चक्कर, अब घर के पास ही मिलेगा एम्स जैसा इलाज

3 days ago
दिल्ली एम्स में हर साल लाखों की संख्या में मरीज आते हैं. (फाइल फोटो) दिल्ली एम्स में हर साल लाखों की संख्या में मरीज आते हैं. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

दिल्ली एम्स में मरीजों का भार होगा कम.देशभर के एम्स में 'वन रेफरल पॉलिसी' जल्द.एम्स में 200 बेड का क्रिटिकल केयर बिल्डिंग बनेगा.

नई दिल्ली. मेडिकल फील्ड में अपना मुकाम बना चुके दिल्ली एम्स में हर मरीज़ अपना इलाज करवाना चाहता है. यहां पर मरीजों को भरोसा है. इस उम्मीद के साथ कि एक बार एम्स में एडमिट हो गए तो बेहतर इलाज होगा. इसी वजह से यहां भीड़ बढ़ती जा रही है और एम्स रेफरल सेंटर होने की बजाय सामान्य हॉस्पिटल बनकर रह गया है. ऐसे में जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं समय से नहीं मिल पा रही हैं.

इन्हीं सबको देखते हुए एम्स के डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास के मुताबिक, एम्स प्रशासन ने देशभर के एम्स के प्रशासन के साथ मिलकर “वन रेफरल पॉलिसी” को तैयार किया है. एम्स डायरेक्टर ने बताया कि अगर कोई मरीज़ बिहार से दिल्ली सर्जरी के बाद फॉलोअप के लिए फिर आता है, तो इस पॉलिसी के लागू होने से उसे पटना एम्स में ही इलाज मिल सकता है. यहां के डॉक्टर वहां के डॉक्टर से बातचीत कर इलाज कर सकते हैं.

एम्स डायरेक्टर डॉ श्रीनिवास का कहना है कि फिलहाल इसके मैकेनिज्म को हमने तैयार कर लिया है और मरीजों को लेकर पर्सनल लेवल पर एक एम्स से दूसरे एम्स के डाक्टरों से बातचीत करके इलाज करते हैं, लेकिन, “वन रेफरल पॉलिसी” को सरकार से हरी झंडी मिलना बाकी है. देशभर में 22 एम्स में से करीब 80 फीसदी एम्स में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हो गई हैं.

एम्स डायरेक्टर ने बताया कि इमरजेंसी मरीजों के वेटिंग को ख़त्म करने के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर परिसर में 200 बिस्तर वाले एक क्रिटिकल केयर बिल्डिंग का निर्माण भी करने जा रहे हैं ताकि, ऐसे मरीजों का गोल्डन टाइम में इलाज हो सके. डॉ श्रीनिवास के मुताबिक दिल्ली में आर. जी. मेडिकल अस्पताल की घटना और साइबर अटैक के बाद सेफ AI सिक्योरिटी का इस्तेमाल भी करने जा रहे हैं ताकि इस तरह की घटनाएं ना घट सके.

एक जानकारी के मुताबिक, दिल्ली एम्स में हर साल 50 लाख मरीज़ ओपीडी में आते हैं और 3 लाख मरीज़ भर्ती होते हैं, जबकि 3 लाख मरीजों की सर्जरी की जाती है. इसकी अब बेड कैपिसिटी 3600 की हो गई है और भविष्य में 900 बेड्स का और मैदानगढ़ी में नई बिल्डिंग बनने जा रही है. साल 2024 की उपलब्धता बताते हुए डॉ श्रीनिवास ने कहा कि डिजिटल इंडिया में अब ये एम्स पेपरलेस एम्स हो चुका है और ई-ऑफिस वाला इकलौता एम्स भी हो गया है.

Tags: Aiims delhi, AIIMS Rishikesh, Patna AIIMS

FIRST PUBLISHED :

December 30, 2024, 19:25 IST

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