Last Updated:March 14, 2025, 09:56 IST
Rekha Gupta Liquor Plan: दिल्लीवालों के लिए होली पर खुशखबरी! अब शराब के लिए नहीं जाना पड़ेगा यूपी-हरियाणा, जानिए रेखा गुप्ता सरकार की नई योजना, कमाई का क्या टारगेट और दिल्ली में रहने वाले लोगों को होगा क्या फाय...और पढ़ें

केजरीवाल सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी (शराब नीति) को लेकर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं.
हाइलाइट्स
आबकारी अधिकारियों ने निगमों को ब्रांड पुशिंग को रोकने का आदेश दियाग्राहकों को उनकी पसंद की शराब खरीदते समय अच्छा अनुभव देने का निर्देशअभी दिल्ली में 700 से अधिक शराब की दुकानें हैंनई दिल्ली. दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार बनने के बाद केजरीवाल सरकार के समय लाई गई नई एक्साइज पॉलिसी (शराब नीति) को लेकर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 के समापन और गर्मियों के आने साथी ही दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने आबकारी विभाग के राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा शराब व्यवसाय में शामिल चार निगमों के साथ एक बैठक की है. इस बैठक का मकसद दिल्ली में राजस्व को बढ़ना और दुकानों पर सभी ब्रांडों की शराब का स्टॉक सुनिश्चित करना था.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार के समय लागू हुई नई आबकारी नीति में यह देखा गया था कि कुछ ब्रांड को शराब की दुकान पर प्रमुखता दी जाती थी. जिससे दिल्लीवालों को अपनी पसंदीदा शराब के लिए या तो हरियाणा या फिर उत्तर प्रदेश जाना पड़ता था. इस बैठक में आबकारी अधिकारियों ने निगमों को ब्रांड पुशिंग को रोकने और ग्राहकों को उनकी पसंद की शराब खरीदते समय अच्छा अनुभव देने के लिए सभी उपाय करने का निर्देश दिया.
क्यों शराब स्टॉक करने का दिया गया आदेश?
अभी दिल्ली में 700 से अधिक शराब की दुकानें हैं, जिन्हें दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाता है. बैठक में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगमों को थोक विक्रेताओं से ऑर्डर देकर स्टॉक बुक करने के लिए कहा गया, ताकि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्तमान वित्तीय वर्ष में अधिकतम आबकारी संग्रह सुनिश्चित किया जा सके और शहर में बेचे जाने वाले सभी ब्रांडों का उचित स्टॉक उपलब्ध हो सके.
आइए सरल भाषा में समझते हैं कि क्या है मामला और क्या बदलने जा रही है रेखा गुप्ता सरकार:
क्या है मौजूदा स्थिति?
अरविंद केजरीवाल के दौरान दिल्ली में सरकारी कंपनियों के जरिए शराब बिक्री का मॉडल अपनाया गया था. दिल्ली में 700 से ज्यादा शराब दुकानें हैं, जो चार सरकारी संस्थाएं चलाती हैं:
– दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC)
– दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC)
– दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (DSCSC)
– दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर लिमिटेड (DCCWS)
कई कंपनियां (ब्रांड) शिकायत कर रही थीं कि उनके प्रोडक्ट्स को दुकानें नहीं रख रहीं या कम जगह के कारण स्टॉक नहीं है. ‘ब्रांड पुशिंग’ यानी मालिकाना दखल से कुछ खास ब्रांड को आगे बढ़ाने की भी शिकायतें सामने आई थीं.
रेखा गुप्ता सरकार का क्या प्लान है?
– ज्यादा रेवेन्यू के लिए फोकस (समर सेल प्लान): वित्तीय वर्ष खत्म होने (31 मार्च) से पहले रेवेन्यू बढ़ाने के लिए खास बैठक हुई.
– आदेश दिया गया कि सभी ब्रांड्स के स्टॉक पर्याप्त मात्रा में दुकानों पर हों. गर्मियों में बीयर की डिमांड सबसे ज्यादा होती है, इसलिए बीयर के स्टॉक, चिलर और फ्रिज की व्यवस्था पक्की करने के निर्देश.
– ब्रांड पुशिंग पर सख्ती: दुकानों को हिदायत दी गई कि कस्टमर को उनकी पसंद की ब्रांड दी जाए. किसी एक कंपनी या ब्रांड को जबरन न बेचा जाए.
– ई-अबकारी ऐप को सक्रिय करना: ग्राहक अब मोबाइल ऐप से देख सकेंगे कि कौन सी दुकान पर कौन सी ब्रांड उपलब्ध है और कीमत क्या है? QR Code/Barcode स्कैन कर के असली-नकली की पहचान भी कर सकेंगे.
क्या हैं मुख्य समस्याएं जिन पर सरकार ध्यान दे रही है?
समस्या समाधान (रेखा गुप्ता सरकार का कदम)
दुकानों पर कम स्टॉक सभी ब्रांड का पूरा स्टॉक उपलब्ध कराने के निर्देश.
बीयर ठंडी नहीं मिलना हर दुकान पर फ्रिज-चिलर अनिवार्य
ब्रांड पुशिंग (चुने हुए ब्रांड बेचना) ग्राहक की पसंद की ब्रांड उपलब्ध कराने का निर्देश.
दुकानों की कम संख्या और छोटी जगह भविष्य में नई दुकानें खोलने और स्टोरेज बढ़ाने की योजना.
ग्राहकों को सही जानकारी न मिलना ई-अबकारी ऐप को अपडेट कर ग्राहकों को सही जानकारी देना.
क्यों ले रही है रेखा गुप्ता ये कदम?
– ₹6,400 करोड़ के रेवेन्यू टारगेट पूरा करना.
– पिछली सरकार की शराब नीति (आतिशी सरकार) की आलोचना से बचना.
– आम जनता में भरोसा और पारदर्शिता बढ़ाना.
– बीजेपी सरकार के लिए एक नई और साफ सुथरी नीति पेश करना, ताकि आगामी चुनाव में जनता का समर्थन मिले.
क्या बदल सकता है आगे?
– नीति में निजी दुकानों की वापसी पर विचार हो सकता है.
– नई टेंडर प्रणाली जिससे ब्रांड को उचित जगह और बिक्री मिले.
– कुल शराब दुकानें बढ़ाई जा सकती हैं ताकि अवैध बिक्री पर रोक लगे.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
March 14, 2025, 09:56 IST