Last Updated:August 16, 2025, 22:16 IST
Shibu Soren Shraddh: शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म के अंतिम दिन नेमरा गांव में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी. बाबा रामदेव, राजनाथ सिंह और रेवंत रेड्डी ने श्रद्धांजलि दी. उत्तम भोजन और बेहतर व्यवस्था की गई थी.

रामगढ़: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म का आज अंतिम दिन था. 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पैतृक गांव नेमरा में आज लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
नेमरा गांव में जनसैलाब
सुबह 8 बजे से ही लोग नेमरा गांव पहुंचना शुरू हो गए थे. जिला प्रशासन ने करीब 7000 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की, लेकिन गांव से 4 किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को रोक दिया गया था. लोगों की अटूट श्रद्धा का आलम यह था कि बहुत से लोग 4 किलोमीटर पैदल चलकर ही उनके आवास तक पहुंचे. सड़क पर वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए वन-वे ट्रैफिक किया गया था, फिर भी ग्रामीण सड़कों पर भारी भीड़ थी.
VVIPs ने दी श्रद्धांजलि
पूरे दिन VVIP मेहमानों का आना-जाना लगा रहा. सुबह 11 बजे योग गुरु बाबा रामदेव नेमरा पहुंचे. उन्होंने शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा, “पूरा विश्व मुझे गुरु कहता है, पर मैं शिबू सोरेन को गुरु मानता हूं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदिवासी परिधान की भी तारीफ की.
इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी नेमरा पहुंचे. राजनाथ सिंह ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.
दोपहर करीब 2:30 बजे तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी पहुंचे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिबू सोरेन ने तेलंगाना को भी एक राह दिखाई है. उन्होंने हेमंत सोरेन की झारखंड भवन की मांग पर वादा किया कि तेलंगाना सरकार खुद के खर्चे पर हैदराबाद में शिबू सोरेन भवन का निर्माण कराएगी.
उत्तम भोजन और बेहतर व्यवस्था
लाखों लोगों के लिए पिछले तीन दिनों से उत्तम भोजन का प्रबंध किया गया था. 2500 कारीगर मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह का भोजन तैयार कर रहे थे. व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न मंत्रियों और विधायकों को अलग-अलग स्टॉलों पर तैनात किया गया था. बेरमो विधायक जय मंगल सिंह और पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी व्यवस्था संभालने में जुटे रहे.
शाम तक भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि कुछ लोग बेहोश भी हो गए, लेकिन जगह-जगह तैनात मेडिकल टीमों ने तुरंत स्वास्थ्य लाभ दिया. अंत तक भीड़ का सिलसिला जारी रहा, जो दिशोम गुरु के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा को दर्शाता है.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले...और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले...
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Location :
Ramgarh,Jharkhand
First Published :
August 16, 2025, 22:16 IST