Last Updated:October 01, 2025, 09:27 IST
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु अब हिंसक अपराधों में देश का तीसरा सबसे खतरनाक मेट्रो शहर बन गया है. साल 2021 से 2023 के बीच शहर में हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों में 47% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
प्रतिकात्मक तस्वीरNCRB Report 2023: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की क्राइम इन इंडिया 2023 रिपोर्ट ने बेंगलुरु की एक चिंताजनक तस्वीर सामने रखी है. रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु अब हिंसक अपराधों के मामले में दिल्ली और मुंबई के बाद तीसरे नंबर का सबसे खतरनाक मेट्रो शहर बन गया है. तेजी से बढ़ती आबादी, शहरी दबाव और पुलिसिंग की चुनौतियों ने इस शहर में हिंसक घटनाओं की संख्या को रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा दिया है.
हिंसक अपराध क्या होते हैं?
NCRB के अनुसार, हत्या, बलात्कार, अपहरण, हत्या की कोशिश, डकैती, लूटपाट, आगजनी और दंगे जैसी घटनाओं को हिंसक अपराध या ‘गंभीर अपराध’ की श्रेणी में रखा जाता है.
आंकड़ों की तस्वीर
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में बेंगलुरु में कुल 3,528 हिंसक अपराध दर्ज किए गए, जबकि दिल्ली में 11,014 और मुंबई में 4,750 मामले सामने आए हैं. हालांकि, हैदराबाद (1,483), चेन्नई (973) और कोलकाता (919) की तुलना में बेंगलुरु कहीं आगे निकल गया है.
– हत्या: बेंगलुरु में 219 मामले दर्ज हुए. यह दिल्ली (500) और मुंबई (300) से कम है, लेकिन चेन्नई (132) और हैदराबाद (148) से कहीं ज्यादा है.
– बलात्कार: बेंगलुरु में 277 मामले दर्ज हुए. यह दिल्ली (1,210) से कम है, लेकिन चेन्नई (98) और हैदराबाद (164) से अधिक है.
– अपहरण: बेंगलुरु में 1,089 केस दर्ज हुए. दिल्ली में यह आंकड़ा 5,600 था, लेकिन फिर भी बेंगलुरु चेन्नई (498) और हैदराबाद (713) से काफी आगे रहा.
– लूटपाट और डकैती: दिल्ली में 2,917 केस दर्ज हुए जबकि बेंगलुरु में 1,123 जो दक्षिण भारत के बाकी शहरों से कहीं अधिक हैं.
शहर में तेजी से बढ़ रहा क्राइम
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 2021 से 2023 के बीच बेंगलुरु में हिंसक अपराधों में 47% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जबकि दिल्ली और मुंबई में मामूली गिरावट आई और चेन्नई में तो मामलों में एक-तिहाई की कमी आई है.
क्यों बढ़ रहा है अपराध?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अपराध के आंकड़े सिर्फ अपराध बढ़ने से ही नहीं, बल्कि रिपोर्टिंग बढ़ने से भी बढ़ सकते हैं. ऑनलाइन शिकायत प्रणाली और जागरूकता बढ़ने से अधिक लोग अब पुलिस के पास मामले दर्ज कराते हैं. लेकिन इसके बावजूद, बेंगलुरु में बढ़ते अपराध इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शहर की तेजी से होती जनसंख्या वृद्धि और खिंचता हुआ बुनियादी ढांचा सुरक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ रहा है.
दक्षिण भारत का विरोधाभास
दिल्ली और मुंबई की तरह बेंगलुरु अपराध के आंकड़ों में ऊपर है, लेकिन पड़ोसी शहर चेन्नई और हैदराबाद अलग तस्वीर पेश करते हैं. चेन्नई ने पिछले तीन साल में अपने हिंसक अपराधों को एक-तिहाई तक घटा दिया है. हैदराबाद में हल्की बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन आंकड़े बेंगलुरु की तुलना में काफी कम हैं. वहीं, कोलकाता देश के सबसे सुरक्षित बड़े शहरों में गिना जा रहा है, जहां 2023 में कुल मामले 1,000 से भी कम रहे.
जनता और पुलिस का नजरिया
बेंगलुरु के लोग चेन स्नैचिंग, सड़क पर लूट और यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं की लगातार खबरों से चिंतित हैं. पुलिस का कहना है कि बढ़ी हुई रिपोर्टिंग एक सकारात्मक संकेत है. लेकिन शहरी विशेषज्ञों का मानना है कि यह पब्लिक सेफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियों की ओर इशारा करता है – जैसे पर्याप्त स्ट्रीट लाइट, CCTV कवरेज, गश्त और कम्युनिटी पुलिसिंग की कमी.
कुणाल झा एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा का अनुभव है. वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई अलग-अलग मुद्दों को कवर करते हैं. करियर, एजुकेशन, जॉब और स्पोर्ट्स जैसी फील्ड में...और पढ़ें
कुणाल झा एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा का अनुभव है. वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई अलग-अलग मुद्दों को कवर करते हैं. करियर, एजुकेशन, जॉब और स्पोर्ट्स जैसी फील्ड में...
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Location :
Bengaluru,Bengaluru,Karnataka
First Published :
October 01, 2025, 09:27 IST

3 weeks ago
