एग्रीस्टेग के तहत देशभर के करीब 12 करोड़ किसानों की आईडी( फार्मर रजिस्ट्री) बनाई जा रही है. इसमें जमीन किसके नाम है, ...अधिक पढ़ें
News18 हिंदीLast Updated : November 6, 2024, 19:45 ISTनई दिल्ली. आपके पास कितने एकड़ खेत हैं, गांव के अलावा कहां-कहां है, उनमें क्या बोया गया है, यह सब एक क्लिक में सामने होगा. यानी आप कुछ भी छिपा नहीं पाओगे. डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत किसानों की आईडी तैयार हो रही है. इस आईडी के कंप्यूटर में डालते सारा लेखा-जोखा सामने आ जाएगा. छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है. अन्य राज्यों में जल्द आईडी बनाने का काम शुरू किया जाएगा. डिजीटल एग्रीकल्चर मिशन यह बदलाव होने जा रहा है.
कृषि मंत्रालय तीन डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) तैयार करवा रहा है. पहला एग्रीस्टेग है, दूसरा एग्री डिसीजन सपोर्ट सिस्टम और तीसरा सोएल मैपिंग है. एग्रीस्टेग के तहत देशभर के करीब 12 करोड़ किसानों की आईडी( फार्मर रजिस्ट्री) बनाई जा रही है. इसमें जमीन किसके नाम है, कितनी जमीन है और क्या क्या बोया गया है, सारा कुछ फीड किया जाएगा. यह आधार नंबर से लिंक होगा. इस तरह किसान की आईडी डालते ही पता चल जाएगा कि कहां-कहां पर खेत हैं.
एग्रीस्टैक के तहत छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट का काम हो चुका है. इसके तहत किसानों को आधार के जैसी ही एक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) दी जाएगी, जो विश्वसनीय ‘किसान की पहचान’ होगी. इसका किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा.
डिजीटल क्रॉप सर्वे का भी शुरू हुआ काम
डिजीटल क्रॉप सर्वे लगतार चलने वाली प्रक्रिया है. हर फसल में करनी होती है. मौजूदा समय 17 राज्यों के 450 जिलों में यह शुरू हो चुका है. कई राज्य 100 फीसदी डिजीटल क्रॉप सर्वे पर आ चुके हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं. इसके अलावा असम और राजस्थान जैसे प्रदेशों काफी हद तक डिजीटल क्रॉप सर्वे का शुरू हो चुका है. कई राज्य पालयट प्रोजेक्ट कर चुके हैं, जो अगले साल तक 100 फीसदी कर लेंगे. इसको किसानों की आईडी के साथ लिंक किया जाएगा, जिससे पता चलेगा कि किसान ने क्या क्या बोया है.
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FIRST PUBLISHED :
November 6, 2024, 03:30 IST