Last Updated:March 12, 2025, 13:39 IST
Holi color therapy: सुजोक थेरेपी रंगों के जरिए बीमारियों का इलाज करने की कोरियाई चिकित्सा पद्धति है. यह सर्दी, खांसी, माइग्रेन, तनाव और कई अन्य समस्याओं में फायदेमंद है.

रंगों के जरिए बीमारियों का इलाज
होली आते ही रंगों की मस्ती हर तरफ देखने को मिलती है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये रंग सिर्फ त्योहार को खुशनुमा बनाने के लिए नहीं होते, बल्कि इनका सेहत पर भी जबरदस्त असर पड़ता है? वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने पाया है कि रंगों का हमारे शरीर और दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है. खासतौर पर एक खास थेरेपी, जिसे सुजोक थेरेपी कहा जाता है, इसमें रंगों का इस्तेमाल कर बीमारियों का इलाज किया जाता है.
सुजोक थेरेपी क्या है और यह कैसे काम करती है?
सुजोक थेरेपी कोरिया से निकली एक अनोखी चिकित्सा पद्धति है. इसमें ‘सु’ का मतलब है हाथ और ‘जोक’ का मतलब है पैर. यानी इस थेरेपी में शरीर के इन हिस्सों पर विशेष दबाव और रंगों का उपयोग किया जाता है. शरीर के विभिन्न हिस्सों से जुड़े बिंदुओं पर रंग लगाने से बीमारियों से राहत मिलती है और शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर होता है.
कौन-कौन से रंग सेहत के लिए फायदेमंद हैं?
हर रंग का शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. सुजोक थेरेपी में विभिन्न रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जो अलग-अलग बीमारियों को ठीक करने में मददगार होते हैं.
सुजोक थेरेपी से कौन-कौन सी बीमारियां ठीक हो सकती हैं?
सुजोक थेरेपी का उपयोग छोटी बीमारियों से लेकर गंभीर समस्याओं तक के इलाज के लिए किया जाता है. यह सर्दी, खांसी, बुखार, माइग्रेन, तनाव और पेट की समस्याओं में बेहद कारगर साबित होती है. हालांकि, यह एचआईवी और कैंसर जैसी बीमारियों को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकती, लेकिन उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है.
मरीजों के अनुभव क्या कहते हैं?
अहमदाबाद के अमर ठाकर, जो तीन महीने से लगातार खांसी से परेशान थे, उन्होंने सुजोक थेरेपी अपनाई और कुछ ही हफ्तों में सुधार देखा. कैंसर से जूझ रहे फिरोज मंसूरी ने बताया कि इस थेरेपी ने उन्हें सिरदर्द से राहत दिलाई, जो कैंसर की दवाओं की वजह से होता था. वहीं, गौतम कपासी के परिवार में माइग्रेन और ध्यान केंद्रित करने की समस्या से जूझ रहे सदस्यों को भी इस चिकित्सा से लाभ हुआ.
होली पर प्राकृतिक रंगों का करें इस्तेमाल
सुजोक थेरेपी के विशेषज्ञ निवृति पंड्या का कहना है कि होली के दौरान लोग केमिकल युक्त रंगों से बचें और प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करें. प्राकृतिक रंग न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं बल्कि इससे त्वचा पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता.
First Published :
March 12, 2025, 13:39 IST