Last Updated:July 10, 2025, 12:21 IST
Nimisha Priya Case: केरल की निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई तय की है. सरकार कूटनीतिक प्रयासों से फांसी टालने की कोशिश कर रही है.

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद.
हाइलाइट्स
केरल की निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है.सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई तय की है.सरकार कूटनीतिक प्रयासों से फांसी टालने की कोशिश कर रही है.Nimisha Priya Case: केरल की निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है. 16 तारीख को उन्हें फांसी दी जाएगी. सरकार कूटनीतिक चैनल के जरिए निमिषा प्रिया की फांसी टालने की कोशिश में जुटी है. इस बीच निमिषा प्रिया की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट निमिषा प्रिया की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. केरल की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अर्जेंट सुनवाई की मांग की गई. निमिषा प्रिया के वकील ने एक ऐसी दलील दी है, जिससे निमिषा प्रिया की फांसी की सजा पर रोक लग सकती है.
दरअसल, निमिषा प्रिया के वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता एक नर्स है. वह रोजगार के लिए केरल से यमन गई थी. लेकिन वहां एक स्थानीय व्यक्ति ने उनके साथ उत्पीड़न शुरू कर दिया. उसके बाद उत्पीड़न की शिकार इस महिला अपने कारोबारी मित्र तलाल अब्दो महदी की हत्या करने के लिए मजबूर हो गई थी. ये मामला साल 2018 का है. मृतक तलाल अब्दो महदी मूल रूप से यमन के रहने वाले थे. 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
ऐसे रुक जाएगी फांसी?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने कोर्ट में कहा कि वहां के शरिया कानून के तहत अगर मृतक के परिवार को ‘ब्लड मनी’ (रक्तधन) दी जाए और वे माफ कर दें तो फांसी की सजा माफ की जा सकती है. हम केंद्र सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वह किसी कूटनीतिक माध्यम से हस्तक्षेप करे और बातचीत करे.’
16 जुलाई को फांसी?
निमिषा प्रिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को भी बताया कि महिला की फांसी की तारीख 16 जुलाई तय की गई है. इसलिए मामले को आज यानी 10 जुलाई या कल 11 जुलाई को ही सूचीबद्ध किया जाए, ताकि कूटनीतिक प्रयासों के लिए समय मिल सके. हालांकि सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 14 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है. अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस संवेदनशील मामले में क्या कदम उठाती है. निमिषा प्रिया की फांसी पर अब भारत की नजर है. भारतीय विदेश मंत्रालय निमिषा की सजा को रोकने या कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
कौन हैं निमिषा प्रिया
गौरतलब है कि निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली है. अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 2011 में यमन गई थीं. उनके माता-पिता ने मजदूरी करके अपनी बेटी को यमन भेजने लायक बनाया. यहां उन्होंने नर्स का काम करना शुरू किया.निमिषा प्रिया ने साल 2015 में यमन की राजधानी सना’आ में एक मेडिकल क्लिनिक खोला. इसमें एक स्थानीय स्पॉन्सर तालाल अब्दो महदी ने उनकी मदद की. इससे एक साल पहले उनके पति और छोटी बेटी 2014 में आर्थिक तंगी के कारण भारत लौट आए थे. यमन में निमिषा की जिंदगी धीरे-धीरे मुश्किलों से घिरने लगी. यमन में उनकी जिंदगी भयावह हो गई. इसके बाद उन्होंने अपनी जिंदगी को अंधेरे से बचाने के लिए जो किया, उसकी की सजा वह अब भुगत रही हैं.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...
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