नेपाल में पहले Gen Z का तांडव, अब आखिर क्या हुआ 52 लोगों की हो गई मौत? पूरे देश में मचा हाहाकार

2 weeks ago

Nepal Floods and Landslides Kill 52: नेपाल को न जानें किसकी नजर लग गई है कि जैसे ही नेपाल में सब कुछ ठीक होता, एक नई आपदा आ जाती. सिंतबर के महीने में तो आपको याद ही है कि कैसे नेपाल के युवा सड़कों पर उतर आए. Gen Z ने भ्रष्टाचार, नेपोटिज्म और अमीर नेताओं के बच्चों की लग्जरी लाइफस्टाइल के खिलाफ ऐसी बगावत की पूरे नेपाल के Gen Z पूरी दुनिया में सुर्खियां बन गए. एक बगावत का प्रतीक बने. मात्र 48 घंटों में सरकार गिर गई. सुशीला कार्की को अंतरिम PM बनीं तब लगा अब नेपाल में सब ठीक हो जाएगा लेकिन अचानक एक नई आपदा आ गई और 52 लोगों की मौत हो गई. जानें पूरी बात.

अचानक क्यों टूटा प्राकृतिक आपदा का पहाड़?
Gen Z आंदोलन से देश अभी उबर भी न पाया था कि अक्टूबर आया और मॉनसून ने नेपाल में कहर बरपा दिया. शुक्रवार से लगातार मूसलाधार बारिश ने पूर्वी नेपाल में भूस्खलन, बाढ़, बिजली गिरना और सड़क हादसे ने चारों तरफ देश में हाहाकार मचा दिया है. आर्म्ड पुलिस फोर्स के अधिकारी ने कहा, "शनिवार सुबह 10 बजे से रविवार सुबह 10 बजे तक 52 लोगों की मौत हो गई." ज्यादातर कोशी प्रांत में 37 मौतें. इलाम जिले में अकेले भूस्खलन ने 37 घरों को मिट्टी में मिला दिया. उदयपुर, पंचथर में बाढ़ ने दो-दो जिंदगियां लील लीं. रौताहाट में बिजली गिरने से तीन, खोटांग में दो मौतें. पंचथर में बारिश से सड़कें टूटीं, छह लोगों का वाहन हादसे का शिकार. रासुवा के लंगटांग में चार ट्रेकर्स नदी में बह गए. सात लोग लापता, 29 घायल. मॉनसून पांच प्रांतों- कोशी, मधेश, बागमती, गंडकी, लुम्बिनी में सक्रिय. जलवायु परिवर्तन से बारिश की तीव्रता बढ़ी है. 

नदियां उफान पर, रेड अलर्ट ने बढ़ाई चिंता
शुक्रवार से हो रही बारिश ने पूर्वी नेपाल की आठ बड़ी नदियों को खतरे के पार धकेल दिया है. हाइड्रोलॉजी एंड मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ने रविवार सुबह कहा, "बागमती और ईस्ट राप्ती नदियों के आसपास रेड अलर्ट जारी है." काठमांडू में बागमती का पानी सड़कों पर बह रहा, घर डूब गए. एवरेस्ट ट्रेकिंग रूट्स ब्लॉक, पर्यटकों को अल्टरनेटिव पाथ अपनाने की सलाह दी गई है. 18 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स ठप, 1500 मीटर कटाव, 10 करोड़ का नुकसान हुआ है. सड़कें बंद, पुल बह गए. ट्रेकिंग एजेंसीज ने चेतावनी दी- पहाड़ी इलाकों में न घूमें. Gen Z आंदोलन के बाद अस्थिर सरकार को अब यह आपदा संभालनी है, जो पहले से कमजोर है. 

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