Last Updated:October 02, 2025, 10:14 IST
Mohan Bhagwat Vijayadashami Speech: विजयदशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश में Gen-Z प्रोटेस्ट पर चिंता जताई, पहलगाम हमले का जिक्र किया और भारत की वसुधैव कुटुंबकम् सोच को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत को शांति और स्थिरता की राह दिखाने में अहम भूमिका निभानी चाहिए.
विजयदशमी के मौके पर RSS चीफ मोहन भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बड़ा संदेश दिया. उन्होंने आज अपने वार्षिक संबोधन में पड़ोसी देशों की मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल, विश्व की बदलती परिस्थितियों और भारत की भूमिका पर खास तौर से बात की. उन्होंने नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों में हुए ‘Gen-Z प्रोटेस्ट’ को लेकर चिंता जताई और कहा कि इन अशांत आंदोलनों से वहां के लोगों की भलाई नहीं बल्कि बाहरी ताकतों के उद्देश्य पूरे हो रहे हैं.
भागवत ने कहा, ‘हमारे पड़ोसी देश सिर्फ पड़ोसी नहीं हैं, वे हमारे अपने हैं. उनके प्रति हमारे मन में आत्मीयता का भाव है. वहां जो उथल-पुथल हो रही है, वह चिंता का विषय है. हमें सीखना होगा कि प्रजातांत्रिक मार्गों से ही परिवर्तन लाना संभव है. तथाकथित क्रांतियों से उद्देश्य पूरे नहीं होते, बल्कि बाहरी ताकतों के हित साधे जाते हैं.’
‘पहलगाम ने बताया कौन दुश्मन-कौन दोस्त’
RSS चीफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने भारत को सजग रहने की सीख दी. भागवत ने कहा, ‘पहलगाम की घटना ने सिखाया कि हमें हर देश से मित्रता रखनी चाहिए, लेकिन अपनी सुरक्षा के प्रति हमें और ज्यादा सतर्क रहना होगा. इस घटना के बाद यह भी स्पष्ट हो गया कि कौन हमारा मित्र है और कौन नहीं.’
संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि आज दुनिया भारत से अपेक्षा कर रही है कि वह इन हालात का हल निकाले. उन्होंने जोर देकर कहा कि भौतिक विकास के साथ नैतिक विकास भी जरूरी है और सबका विकास होना चाहिए.
मोहन भागवत ने बताई हिंदू राष्ट्र की परिभाषा
हिंदू राष्ट्र की परिभाषा पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘हिंदू कभी राज्य पर आधारित नहीं रहा. हम हिंदू राष्ट्र हैं, इसे जात, पंथ या समुदाय के आधार पर नहीं बांटा जा सकता. वसुधैव कुटुंबकम् की उदार विचारधारा का संरक्षक हिंदू समाज ही है.’
मोहन भागवत के इस भाषण में एक ओर जहां पड़ोसी देशों में चल रही अशांति पर चिंता व्यक्त की गई, वहीं दूसरी ओर भारत की जिम्मेदारी और उसकी ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ वाली सोच को रेखांकित किया गया. विजयदशमी के मंच से भागवत ने साफ संदेश दिया कि विश्व को शांति और स्थिरता की राह दिखाने में भारत और हिंदू समाज की भूमिका अहम है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
Nagpur,Maharashtra
First Published :
October 02, 2025, 10:14 IST

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