पंचशील की बात करने वाले चीन पर आप कितना भरोसा करेंगे, अपनी राय दीजिए

2 hours ago

Last Updated:September 01, 2025, 09:05 IST

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग फिर से बातचीत कर रहे हैं और साझेदारी की बात कर रहे हैं, तो यह सवाल उठना लाज़मी है कि भारत चीन पर कितना भरोसा कर सकता है?

पंचशील की बात करने वाले चीन पर आप कितना भरोसा करेंगे, अपनी राय दीजिए

चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हैं. इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में पंचशील सिद्धांतों का ज़िक्र किया. यह वही पंचशील है, जिसे भारत और चीन ने 1954 में शांति और सहयोग की नींव के तौर पर दुनिया के सामने रखा था. उस समय पंडित नेहरू और चाउ एन लाई ने मिलकर पांच मूलभूत सिद्धांतों परस्पर सम्मान, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, समानता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर सहमति जताई थी. लेकिन इतिहास गवाह है कि चीन ने इन सिद्धांतों का पालन करने के बजाय भारत की पीठ में छुरा घोंपा.

1962 के युद्ध ने साफ कर दिया कि पंचशील चीन के लिए केवल कूटनीतिक औजार था, भरोसे की गारंटी नहीं. युद्ध के बाद से अब तक, चाहे अरुणाचल प्रदेश पर दावा हो या डोकलाम और गलवान जैसी झड़पें, चीन का ट्रैक रिकॉर्ड यह दिखाता है कि उसकी बात और ज़मीन पर की जाने वाली कार्रवाई में भारी फर्क है. गलवान घाटी में 2020 की हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत ने इस अविश्वास को और गहरा कर दिया.

अब जबकि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग फिर से बातचीत कर रहे हैं और साझेदारी की बात कर रहे हैं, तो यह सवाल उठना लाज़मी है कि भारत चीन पर कितना भरोसा कर सकता है? विशेषज्ञ मानते हैं कि पंचशील सिद्धांतों का हवाला देना अच्छा लगता है, लेकिन चीन की नीतियां अक्सर विस्तारवादी रही हैं. उसकी आक्रामक सैन्य गतिविधियां, आर्थिक दबदबे की कोशिशें और इंडो-पैसिफिक में शक्ति प्रदर्शन इस बात का प्रमाण हैं कि वह भरोसे से ज़्यादा दबाव की राजनीति को महत्व देता है.

इतिहास और वर्तमान घटनाएं यही कहती हैं कि चीन के साथ दोस्ती ज़रूरी है, लेकिन आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. पंचशील की बातें सुनने में जितनी अच्छी लगती हैं, हकीकत में उतनी ही नाजुक साबित हुई हैं.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 01, 2025, 09:05 IST

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