Last Updated:June 02, 2025, 17:12 IST
NIA ने CRPF के ASI मोती राम जाट को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जाट को महिला पत्रकार ने फंसाया और गोपनीय जानकारी ली. विभाग ने उसे ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया है. हाल...और पढ़ें

एनआईए मामले की जांच कर रही है. (File Photo)
हाइलाइट्स
आईएसआई की महिला जासूस ने पत्रकार बनकर जवान से संपर्क किया.इसके बाद वो पैसे लेकर लगातार खुफिया जानकारी देता रहा.यह जवान जानकारी के बदले पैसा अपनी वाइफ के अकाउंट में लेता था.नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने हत्थे एक CRPF का जवान चढ़ा है. असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) मोती राम जाट को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में एनआईए ने अरेस्ट कर लिया है. दावा किया जा रहा है कि इस जवान को पत्रकार बनकर एक महिला ने संपर्क किया था. जिसके बाद वो उसके जाल में फंसता चला गया. उसने इस महिला को सुरक्षाबलों से जुड़ी कई अहम जानकारियां उपलब्ध कराई. मोती राम जाट CRPF की 116वीं बटालियन में तैनात था.
एनआईए का दावा है कि वो साल 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIOs) को गोपनीय जानकारी दे रहा था. जाट का अप्रैल 2022 के पहलगाम आतंकी हमले से पांच दिन पहले दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. एक महिला खुद को चंडीगढ़ में पत्रकार बताकर इस जवान के संपर्क में आई थी. इस महिला ने शुरू में जाट से संपर्क कर गोपनीय दस्तावेज मांगे. कुछ महीनों बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एक पुरुष अधिकारी ने भी पत्रकार बनकर जाट से संपर्क किया और सेना की लोकेशन को लेकर संवेदनशील जानकारी हासिल की. जाट को हर महीने 3,500 रुपये और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए 12,000 रुपये मिलते थे.
आठ राज्यों में एनआईए की रेड
एनआईए सूत्रों के मुताबिक एएसआई मोती राम जाट डायरेक्ट अपने बैंक खाते में पैसा नहीं लेता था. इस काम के लिए वो अपनी पत्नी के बैंक खाते का इस्तेमाल कर रहा था. आईएसआई से जुड़े लोग उसकी वाइफ के अकाउंट में यह पैसा डालते थे. NIA ने दो दिन पहले यानी 31 मई 2025 को इस मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल समेत आठ राज्यों में छापेमारी की थी. कुल 15 स्थानों पर रेड की गई. इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरण संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. ये छापेमारी पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क को तोड़ने के लिए हुई है. जो भारत के खिलाफ आतंकी साजिश का हिस्सा मानी जा रही हैं.
CRPF जवान पर कैसे हुआ शक?
ASI मोती राम जाट की गतिविधियों पर CRPF और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सोशल मीडिया निगरानी के दौरान शक हुआ. उसकी गिरफ्तारी 21 मई 2025 को हुई और उसे 6 जून तक NIA की हिरासत में रखा गया है. CRPF ने उसे 21 मई को ही सर्विस से बर्खास्त कर दिया था. इस मामले ने कश्मीर में सुरक्षा बलों के बीच आंतरिक खतरों को उजागर किया है. NIA इस जासूसी नेटवर्क की गहराई और पहलगाम हमले से इसके संभावित संबंधों की जांच कर रही है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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