पसंद आए तो ले जाएं साथ... करना होगा बस 1 वादा, Airport से स्‍पेशल स्‍कीम शुरू

1 month ago

Last Updated:February 27, 2025, 16:11 IST

एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर फ्लाइब्ररी स्कीम शुरू की है. यात्री पसंदीदा किताबें ले जा सकते हैं, बस वादा करना होगा कि वापसी पर किताब लौटा देंगे. 600 से अधिक किताबें उपलब्ध हैं.

पसंद आए तो ले जाएं साथ... करना होगा बस 1 वादा, Airport से स्‍पेशल स्‍कीम शुरू

हाइलाइट्स

भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर फ्लाइब्ररी स्कीम शुरू हुई.यात्री किताबें ले जा सकते हैं, वापसी पर लौटानी होंगी.फ्लाइब्ररी में 600 से अधिक किताबें उपलब्ध हैं.

AAI Flybrary Scheme: एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया अपने पैसेंजर्स के लिए बेहद खास और रोचक स्‍कीम लेकर आया है. इस स्‍कीम का फायदा उठाने के लिए आपको एयरपोर्ट टर्मिनल में बनाए गए फ्लाइब्ररी (Flybrary) एरिया में आना होगा. फ्लाइब्ररी एरिया में आने के बाद वहां मौजूद खास चीजों को उठाकर समझिये, यदि पसंद आ जाए तो उसे अपने साथ लेकर घर या यात्रा पर निकल जाइए. हां, इस खास चीज को ले जाने से पहले आपको एक खास वादा करना होगा.

दरअसल, एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने भुवनेश्वर के बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइब्ररी की शुरूआत की है. इस स्‍कीम के शुरू होने के साथ ही भुवनेश्‍वर एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयपोर्ट बन गया है, जहां से इस तरह की अनूठी पहल की शुरूआत की जा रही है. स्‍कीम के तहत, एयरपोर्ट के डिपार्चर और एराइवल एरिया में फ्लाइब्ररी एरिया बना गया है. इस फ्लाइब्ररी एरिया में हिंदी, अंग्रेजी और उड़िया भाषा की बेहतरीन कितानों को उपलब्‍ध कराया गया है.

यहां अपनी पसंद की किताबों को ले जाने के एवज में आपको एक वादा भी करना होगा. इस वादे के अनुसार, जब कभी आप यात्रा से वापस आएंगे या अगली यात्रा पर जाएंगे, तब फ्लाइब्ररी से ली गई पुस्‍तक को आप वापस कर देंगे.

बाकुल फाउंडेशन के सहयोग से AAI ने बनाई फ्लाइब्ररी
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह अनोखी पहल बाकुल फाउंडेशन की मदद से आगे बढ़ा रही है. इस लाइब्रेरी में पैसेंजर्स के लिए 600 से अधिक किताबों का संग्रह उपलब्‍ध कराया गया है. जिसमें, उपन्यास, पत्रिकाएं, आत्म-सहायता पुस्तकें और बच्चों की साहित्यिक कृतियां शामिल हैं. ये सभी किताबें अंग्रेजी, हिंदी और उड़िया में उपलब्ध कराई गई हैं. भुवनेश्‍वर एयरपोर्ट फ्लाइब्ररी लाइब्रेरी में दो शेल्व्स हैं—एक डिपार्चर्स (प्रस्थान) एरिया में और दूसरी अराइवल्स (आगमन) एरिया में है.

प्रवासी भारतीय दिवस पर हुई थी शुरुआत
फ्लाइब्ररी नामक इस पहल की शुरुआत प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर की गई थी. बीबीआई एयरपोर्ट के सीनियर ऑफिसर के अनुसार, प्रवासी भारतीय दिवस पर इस स्‍कीम को लेकर पैसेंजर्स में खासी रुचि देखने को मिली थी, जिसके बाद इस स्‍कीम को आगे जारी रखने का निर्णय लिया था. उन्‍होंने बताया कि रोजाना भारी संख्‍या में पैसेंजर्स फ्लाइब्रेरी से किताबे लेकर जा रहे हैं. बाकुल फाउंडेशन के वालंटियर्स रोज़ एक घंटे के लिए एयरपोर्ट आते हैं और खाली हुई बुक सेल्‍फ को किताबों से फिर भरकर चले जाते हैं.

आप भी दान कर सकते हैं अपनी किताबें
बाकुल फाउंडेशन के संस्थापक सुजीत महापात्रा के अनुसार, एयरपोर्ट पर लाइब्रेरी का विचार सालों से दिमाग में था. भुवनेश्‍वर एयरपोर्ट पर उनकी इस पहल को न केवल पैसेंजर पसंद कर रहे हैं, बल्कि फ्लाइब्ररी में मौजूद किताबों को रुचि के साथ पढ़ रहे हैं. उन्‍होंने बताया कि किताबों के शेल्व्स को भरना एक चुनौती भरा काम हैं. हालांकि उन्‍हें आशा है कि आने वाले कुछ महीनों में यह समस्या खत्म हो सकती है, क्योंकि यात्री खुद ही इन किताबों को एयरपोर्ट पर दान करना शुरू कर देंगे. उन्होंने यात्रियों से अपील भी की है कि वे अपनी किताबें लाइब्रेरी में योगदान के रूप में रखें, ताकि शेल्व्स को स्वाभाविक रूप से फिर से भरा जा सके.

First Published :

February 27, 2025, 16:11 IST

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