जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हिन्दुओं के नरसंहार का भारत ने पाकिस्तान से बदला ले लिया है. भारत ने बैसरन में हुए आतंकी हमले के 16 दिन बाद मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात के बाद 12:37 पर ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसमें पाकिस्तान के टेरर कैंपों को तबाह कर दिया गया. भारत ने इस एयर स्ट्राइक में दो दुश्मनों जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के 9 ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 5 ठिकानों और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 4 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया.
इस हमले में खास तौर से जैश के मुख्यालय को निशाना बनाया गया. यह मुख्यालय लगभग 200 एकड़ जमीन में फैला हुआ है, जिसमें मस्जिद, स्कूल, अस्पताल, फार्म, और एक ट्रेनिंग कैंप शामिल हैं. खबर है कि भारत के इस एयर स्ट्राइक में यह मुख्यालय पूरा ध्वस्त हो गया. वहीं लश्कर को भी भारी नुकसान होने की जानकारी सामने है. पहलगाम में हिन्दुओं का नरसंहार करने की जिम्मेदारी लेने वाला टीआरएफ इस लश्कर का मुखौटा था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर के कई टॉप आतंकी मारे गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इन 9 टेरर कैंपों को निशाना
1. बहावलपुर (पाकिस्तान)
यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी अंदर है. मसूद अजहर यहीं से संगठन को संचालित करता है. यहीं से भारत के खिलाफ आतंकियों की ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक ऑपरेशन चलाए जाते हैं.
2. मुरीदके (पंजाब, पाकिस्तान)
भारत की सीमा से महज 30 किमी की दूरी पर स्थित यह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय है. 26/11 मुंबई हमले के आतंकी यहीं से प्रशिक्षित होकर भारत आए थे. यह स्थान आज भी लश्कर के लिए एक मुख्य रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग सेंटर है.
3. गुलपुर (PoJK, पुंछ-राजौरी के पास)
यह इलाका 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में हुए आर्मी काफिले पर हमले और 24 जून 2024 को तीर्थयात्रियों की बस पर हमले से जुड़ा रहा है. गुलपुर जैश और लश्कर के संयुक्त लॉजिस्टिक और लॉन्चपैड के रूप में कार्य करता है.
4. सवाई कैंप (PoJK, तंगधार सेक्टर)
यह गुलमर्ग और सोनमर्ग में 2024 के आतंकी हमलों और 2025 के पहल्गाम हमले की जड़ों से जुड़ा है. यह लश्कर का हाई-एंड ट्रेनिंग कैंप है, जहां स्नो वारफेयर, घुसपैठ और आईईडी फेब्रिकेशन की ट्रेनिंग दी जाती है.
5. बिलाल कैंप
यह जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड है, जहां आतंकी अंतिम स्तर की तैयारी के बाद भारत में भेजे जाते हैं. यह पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना की निगरानी में चलता है.
6. कोटली कैंप (PoJK)
राजौरी के सामने स्थित यह लश्कर का बम एक्सपर्ट ट्रेनिंग सेंटर है, जिसकी क्षमता 50 आतंकियों की है. यहां आत्मघाती हमलावरों की ट्रेनिंग दी जाती है.
7. बरनाला कैंप
राजौरी के सामने LOC से महज 10 किमी की दूरी पर स्थित इस कैंप को ‘फॉरवर्ड लॉन्चपैड’ के तौर पर जाना जाता है, जहां से घुसपैठ की गतिविधियां संचालित होती हैं.
8. सरजाल कैंप
यह जैश का एक और अहम कैंप है जो सांबा-कठुआ सेक्टर के सामने स्थित है. भारत में कई हमलों की साजिशों की शुरुआत इसी कैंप से हुई.
9. महमूना कैंप (सियालकोट के पास)
यह हिजबुल मुजाहिदीन का ट्रेनिंग कैंप है, जो सीमा से 15 किमी दूर स्थित है. यहां घाटी में ऑपरेट करने वाले आतंकी तैयार किए जाते हैं.
कैसे चुने गए टारगेट
उधर सरकार से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने बताया कि एयर स्ट्राइक के लिए इन जगहों को बेहद सावधानी से चुना गया. यहां पर मसूद अजहर और हाफिज सईद की सरपरस्ती में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. इन्हीं कैंपों पर नए आतंकियों की भर्ती होती थी और ट्रेनिंग के बाद उन्हें भारत में घुसपैठ के लिए भेजा जाता था.
सूत्रों ने बताता, ‘हमें पता चला है कि जैश के पास अफगानी आतंकियों के जरिये अमेरिकी हथियार भी थे. ये वही हथियार हैं, जो अमेरिका अफगानिस्तान से जाते समय छोड़ गया था.’ सूत्रों के मुताबिक, इन्हीं हथियारों के वह भारत के खिलाफ बड़ा हमला करने की फिराक में था.
‘अब कोई बख्शा नहीं जाएगा’
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है और उसे अब हमले का रोना भी नहीं चाहिए. भारत उसे पहले भी कई बार आतंकियों पर नकेल कसने को कह चुकी है. लेकिन पाकिस्तान ने हर बार झूठे वादे किए और उन आतंकियों को बचाया जिन पर पूरी दुनिया ने प्रतिबंध लगाया है.
सूत्रों ने कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूमते रहे हैं और वहां की चुनी हुई सरकार को सेना के इशारे पर चुनौती देते हैं. भारत सरकार का साफ कहना है कि 26 निर्दोष लोगों की हत्या कोई मामूली बात नहीं है. इस तरह की बर्बरता को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भारत अपनी जमीन और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा. बिना किसी शर्त के, पूरी ताकत के साथ…