Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच कनेक्शन कोई पुराना नहीं है. यह मुल्क आतंकियों को पालने का काम करता है. वहीं हाल ही में पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक मोहम्मद खान को लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख सैफुल्लाह कसूरी के बचाव में सामने आता देखा गया है. यहां तक की उन्होंने अमेरिका की ओर से आतंकी घोषित किए गए लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद के साथ एक रैली में भी हिस्सा लिया.
आतंकियों के बचाव में नेता
'TOI' की रिपोर्ट के मुताबिक मलिक अहमद खान ने बेबाकी से कहा की पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक कसूरी को बिना किसी जांच के आरोपी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कसूरी के साथ निजि संबंधों का भी हवाला दिया. बता दें कि कसूरी के साथ तल्हा की उपस्थिति उस समय प्रकाश में आई थी जब विदेश नीति के क्षेत्र में कसूरी और उसके अन्य साथियों के बारे में चर्चा हो रही थी. ये साल 1971 के युद्ध में भारत से मिली हार के बाद पाकिस्तान के विभाजन का बदला लेने में अपनी सफलता पर खूब गर्व कर रहे थे.
सुरक्षाकर्मियों के साथ आतंकी
रैली के एक वीडियो फुटेज में साफतौर पर लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी को अमेरिकी M4 कार्बाइन लेकर सुरक्षाकर्मियों के साथ आते हुए दिखाया गया है. साथ ही उसके ऊपर फूलों की वर्षा करते हुए उसे भारत का विजेता कहा जा रहा है. इस दौरान आतंकी ने सभा को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में अपनी संलिप्तता का जोरों-शोरों से बखान किया, जिसके चलते उन्हें भारत शरण लेनी पड़ी थी.
आतंकी की मौत पर जताया दुख
कसूरी ने रहीम यार खान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा,' मैं चार साल का था जब साल 1971 में पाकिस्तान के टुकड़े हुए थे. भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने घोषणा की थी कि उन्होंने 2 राष्ट्र सिद्धांत को खलीज (बंगाल की खाड़ी) में डुबो दिया है. 10 मई को हमने 1971 का बदला ले लिया.' उसने भारतीय वायुसेना के मुरीदके पर क्रूर हमले का जिक्र किया, जिसमें आतंकी मुदस्सर मारा गया था और उसे अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोके जाने पर दुख जाहिर किया. कसूरी ने कहा,' मुझे उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई. उसके अंतिम संस्कार के दिन मैं बहुत रोया.'