Last Updated:April 27, 2025, 20:29 IST
Indian Navy Rafale Marine: भारतीय नौसेना को 26 राफेल-एम (मरीन) फाइटर जेट मिलने जा रहे हैं. सोमवार को फ्रांस के साथ इस अहम डिफेंस डील पर साइन होंगे.

भारतीय वायुसेना के पास राफेल जेट की दो स्क्वाड्रन हैं. (Photo : IAF)
हाइलाइट्स
भारतीय नौसेना को मिलेंगे 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स.फ्रांस के साथ सोमवार को होगी डिफेंस डील पर साइन.राफेल-एम जेट्स से भारत की समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी.नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने भारत को फिर अहसास कराया कि अपनी सुरक्षा क्षमताओं को लगातार बढ़ाते रहना क्यों जरूरी है. 22 जनवरी को हुए भीषण नरसंहार में 26 निर्दोष लोगों की जान गई. जवाबी एक्शन की आहट के बीच, बीच भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ाने के एक बड़ा कदम उठा चुकी है. सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए राफेल मरीन (एम) फाइटर जेट खरीदने का सौदा तय होने जा रहा है. भारतीय नौसेना को इस सौदे के तहत 26 राफेल-एम फाइटर जेट मिलेंगे. इनमें से 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनिंग वर्जन होंगे. ये फाइटर जेट्स भारतीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे, जो भारतीय समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए गेमचेंजर साबित होंगे.
हिंद महासागर में उठेगा ‘राफेल का तूफान’
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए केवल कूटनीतिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि सैन्य स्तर पर भी सक्रियता दिखाई है. भारतीय नौसेना ने हाल ही में अरब सागर में अपने विध्वंसक जहाज आईएनएस सूरत से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण कर यह जता दिया कि भारत किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
राफेल-एम फाइटर जेट्स की खरीद भारतीय नौसेना के लिए पहला बड़ा लड़ाकू विमान अपग्रेड होगा. इस सौदे से न केवल भारत की समुद्री हमले की क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक पकड़ और मजबूत होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल-एम की तैनाती से भारत दुश्मनों के किसी भी दुस्साहस को समंदर में ही नेस्तनाबूद कर सकेगा.
इस सौदे की लागत लगभग 63,000 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें फाइटर जेट्स की डिलीवरी के साथ-साथ बेड़े के रखरखाव, रसद समर्थन, भारतीय कर्मियों का प्रशिक्षण और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ऑफसेट दायित्व शामिल हैं. डिलीवरी 2028-29 से शुरू होकर 2031-32 तक पूरी होगी.
सोमवार को ऐतिहासिक सौदा
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने हाल ही में इस खरीद को मंजूरी दी थी. अब भारत और फ्रांस के बीच सोमवार को सरकारी स्तर पर इस समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. फ्रांस के रक्षा मंत्री और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस ऐतिहासिक सौदे को अंतिम रूप देंगे.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 27, 2025, 20:28 IST