सिंधु वॉटर एग्रीमेंट के वो 2 सीक्रेट, जिसके बारे में जानकर बौखलाया पाक‍िस्‍तान

10 hours ago

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को अनिश्चितकाल के लिए सस्‍पेंड क‍िया तो पाकिस्तान में हड़कंप मच गया. ऊपर से भारत के जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने शुक्रवार को घोषणा कर डाली कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि सिंधु नदी का एक बूंद पानी भी पाकिस्तान न पहुंचे. इस फैसले से पाकिस्तान के मंत्री बौखला गए हैं. दरअसल, इसके पीछे दो ऐसी बातें हैं, जिसका असर पाक‍िस्‍तान की नींद उड़ाने वाला है.

सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी. वर्ल्‍ड बैंक ने इसमें मध्यस्थता की थी. इस संधि में सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों के पानी को दोनों देशों के बीच बांटने का फैसला हुआ. पूर्वी नदियां यानी ब्यास, रावी, और सतलुज का 41 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी भारत को द‍िया गया. जबक‍ि पश्चिमी नदियां यानी सिंधु, चिनाब और झेलम के 99 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी पर पाक‍िस्‍तान का कंट्रोल द‍िया गया. एग्रीमेंट के अनुसार, भारत को भारत में स्थित सिंधु नदी प्रणाली के कुल पानी का लगभग 30% हिस्सा मिला, जबकि पाकिस्तान को 70% हिस्सा. संधि ने दोनों देशों को एक-दूसरे की नदियों पर सीमित उपयोग, जैसे छोटे जलविद्युत प्रोजेक्ट्स, की अनुमति भी दी. हालांकि, भारत ने हमेशा संधि का पालन किया, लेकिन हाल के वर्षों में सीमा पार आतंकवाद के कारण इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठने लगे.

Pak Rail Minister Hanif Abbasi openly threatens NUCLEAR WAR after #PahalgamAttack:

“Our Ghori, Shaheen, Ghaznavi missiles & 130 nuclear bombs are not for display — they are for INDIA. Stop water and be ready for war.
Our weapons are facing you.” pic.twitter.com/ppAh8skSTm

— Prakash (@Prakash20202021) April 27, 2025

पहलगाम हमले के बाद हालात बदले
23 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के गुट द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली. जवाब में भारत की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 24 अप्रैल को संधि को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करने का फैसला किया. भारत ने 24 अप्रैल को आधिकारिक रूप से पाकिस्तान को इस निलंबन की सूचना दी, जिसमें सीमा पार आतंकवाद को इसका प्रमुख कारण बताया गया.

पाकिस्तान की बौखलाहट

पाकिस्तान में इस फैसले से तीखी प्रतिक्रिया आई
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, पाकिस्तान सिंधु सभ्यता का असली संरक्षक है. या तो हमारी नदियों में पानी बहेगा, या भारत का खून बहेगा. पाकिस्तानी मंत्री हनिफ अब्बासी ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी. कहा, हमने गौरी, शाहीन, और गजनवी मिसाइलों के साथ 130 परमाणु हथियारों सजाने के ल‍िए नहीं रखे हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारत ने पानी रोका, तो पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है. ये बयान पाकिस्तान की हताशा दर्शाते हैं. लेकिन 2 सीक्रेट बातें ज‍िसने पाक‍िस्‍तान को बेचैन कर द‍िया.

𝐁𝐥𝐨𝐨𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐚𝐭𝐞𝐫 𝐜𝐚𝐧𝐧𝐨𝐭 𝐟𝐥𝐨𝐰 𝐭𝐨𝐠𝐞𝐭𝐡𝐞𝐫.

India is tightening the noose on Pakistan through its 5-point action plan, which includes the suspension of the Indus Waters Treaty of 1960.

Watch what Pakistan stands to lose… pic.twitter.com/mDe9Kue930

— BJP (@BJP4India) April 25, 2025

सीक्रेट 1: बिना सूचना नदी का मैनेजमेंट
संधि के तहत, भारत को पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी, सतलुज) पर कोई भी परियोजना शुरू करने से पहले पाकिस्तान को कम से कम छह महीने पहले सूचित करना पड़ता था. पाकिस्तान अक्सर छोटी-छोटी बातों पर आपत्तियां दर्ज कराता था, जिससे भारत की परियोजनाएं देरी का शिकार होती थीं. संधि के निलंबन के बाद, भारत को अब ऐसी किसी सूचना की जरूरत नहीं है.

असर: भारत अब बिना किसी बाधा के नई तकनीकों का उपयोग कर जल भंडारण, बांध निर्माण, और जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से लागू कर सकता है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह निलंबन भारत को रणनीतिक बढ़त देता है. अब हम अपनी जरूरतों के अनुसार पानी का उपयोग कर सकते हैं.

पाकिस्तान के लिए खतरा: पाकिस्तान को अब भारत की परियोजनाओं की जानकारी नहीं मिलेगी, जिससे वह पानी के प्रवाह पर अपनी निर्भरता को नियंत्रित नहीं कर पाएगा। इससे पाकिस्तान की कृषि और ऊर्जा क्षेत्र पर गहरा असर पड़ सकता है।

सीक्रेट 2: मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक दबाव
संधि का निलंबन न केवल तकनीकी, बल्कि मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है. भारत अब अपनी इच्छानुसार पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है, चाहे उसे रोकना हो या छोड़ना.

असर: सरकारी सूत्रों ने बताया, पाकिस्तान सूखे और बाढ़ के लिए भारत को दोष देता था. अब ग्लेशियर पिघलने और जनसंख्या वृद्धि के कारण उनके पास पहले से कम पानी है. भारत अपनी मर्जी से पानी छोड़ या रोक सकता है, जो उनके फसल चक्र को प्रभावित करेगा. उसके क‍िसान परेशान हो जाएंगे.

पाकिस्तान के लिए खतरा: पाकिस्तान की 80% कृषि सिंधु बेसिन पर निर्भर है, जो इसके जीडीपी का 20% और 40% कार्यबल को रोजगार देती है. पानी की कमी से गेहूं, चावल, और कपास जैसी फसलों की पैदावार प्रभावित होगी, जिससे खाद्य सुरक्षा, मुद्रास्फीति, और आजीविका पर संकट मंडराएगा. इसके अलावा, तारबेला और मंगला जैसे बांधों पर जलविद्युत उत्पादन में कमी से पाकिस्तान की ऊर्जा संकट और गहरा सकता है.

पाकिस्तान की निर्भरता और संकट
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और समाज सिंधु नदी प्रणाली पर अत्यधिक निर्भर है. संधि के निलंबन से निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं.

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