पाकिस्‍तान से गुजरात पहुंचा पत‍ि, मांगने लगा 4 साल के बेटे की कस्‍टडी, फ‍िर...

1 hour ago

पाक‍िस्‍तान से एक शख्‍स गुजरात पहुंचा. हाईकोर्ट में याच‍िका दाख‍िल की. कहा क‍ि वह अपनी बीवी से 4 साल के बेटे की कस्‍टडी चाहता है. जो उसे लेकर भारत आ गई है. पहले तो पुल‍िस को लगा क‍ि कहीं कोई जासूस वगैरह तो नहीं है. इसल‍िए काफी छानबीन की गई. मगर हाईकोर्ट ने बेटे की कस्‍टडी को लेकर जो फैसला सुनाया, उसे खाली हाथ लौटना पड़ा.

गुजरात हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीयता, संस्कृति और मूल्यों को लेकर केवल दावे के अलावा पाक‍िस्‍तानी नागर‍िक के पास ऐसा कुछ भी नहीं है, ज‍िससे साबित हो क‍ि बच्‍चा अपनी मां के पास अवैध रूप से रह रहा है. आदेश के मुताबिक, दोनों ने 2019 में पाकिस्तान के कराची में शादी की थी. अगले साल उनका एक बेटा हुआ. लेकिन 23 सितंबर को महिला बच्चे को लेकर टूरिस्ट वीजा पर भारत आ गई. उसके पास अभी पाकिस्तानी पासपोर्ट है. फ‍िलहाल वह पाक‍िस्‍तान लौटना नहीं चाहती. क्‍योंक‍ि गुजरात के सूरत में उसका मायका है. पर‍िवारवाले भी उसे जाने नहीं देना चाहते.

पत‍ि का दावा भी जान‍िए
उधर, पत‍ि उसे तलाशते हुए ससुराल पहुंचा. पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए गुजरात हाईकोर्ट में याच‍िका दायर की. दावा क‍िया क‍ि बीवी उसके बच्‍चे को अवैध रूप से लेकर भारत आई है. भारत में आने के बाद उसने बातचीत करना तक बंद कर द‍िया है. उसे अपने बच्‍चे की‍ चिंता है. क्‍योंक‍ि पत्‍नी वापस लौटना नहीं चाहती. लेकिन इसके पीछे इस शख्‍स ने जो तर्क द‍िए, वो हाईकोर्ट में निरर्थक साबित हुए. शख्‍स ने दावा क‍िया क‍ि उसका बचा एक ऐसे मुल्‍क में है, जहां उसे कल्‍चरल वैल्‍यू से वंच‍ित रखा जा रहा है. उसे जबरन कैद में रखा गया है.

कराची कोर्ट में चल रही सुनवाई
उसने हाईकोर्ट को बताया कि 15 अक्टूबर को कराची फैमिली कोर्ट में गार्जियन एंड वार्ड्स एक्ट के प्रावधानों के तहत उसने एक अर्जी दाख‍िल की थी. पत्नी से 9 नवंबर तक जवाब मांगा गया था, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद वहां की अदालत बच्‍चे की कस्‍टडी पर एकतरफा फैसला कर सकती है. चूंकि पत्‍नी और बच्‍चा अभी भारत में है, इसलिए उस तक कोर्ट का नोटिस नहीं पहुंच पाया है.

बच्‍चा मां के पास उसे कोई खतरा नहीं
गुजरात हाईकोर्ट की जस्‍ट‍िस संगीता विशेन और जस्‍ट‍िस संजीव ठाकर की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा- नाबाल‍िग बच्‍चा अपनी मां के पास है, इसल‍िए यह मानना मुश्क‍िल है क‍ि उसे कोई खतरा है. अदालत ने बार-बार याच‍िकार्ता से यह साबित करने को कहा क‍ि वो बताएं क‍ि बच्‍चे को क‍िस तरह का खतरा है. लेकिन वे नेशनैल‍िटी, कल्‍चर के अलावा और कुछ दावा नहीं कर सके. इसल‍िए पिता का यह दावा बेबुन‍ियाद है क‍ि बच्‍चे को क‍िसी तरह की द‍िक्‍कत है. उसकी याच‍िका को स्‍वीकार नहीं क‍िया जा सकता.

Tags: Gujarat crime news, Gujarat High Court news, Pakistan News Today

FIRST PUBLISHED :

November 7, 2024, 15:14 IST

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