Last Updated:November 22, 2025, 12:55 IST
School Education: स्कूल में आपने इतिहास, भूगोल, साहित्य, विज्ञान, गणित जैसे तमाम विषय पढ़े होंगे. लेकिन ज्यादातर स्कूलों में लाइफ स्किल्स जैसा अहम टॉपिक छोड़ दिया जाता है. इस वजह से स्कूल से निकलकर रियल लाइफ की चुनौतियों का सामना करना मुश्किल हो जाता है.
Life Skills for Students: स्कूली शिक्षा में लाइफ स्किल्स भी शामिल होनी चाहिएनई दिल्ली (School Education). स्कूल के दिन तो सभी को याद होंगे. स्कूल में आपने कितनी मेहनत से पाइथागोरस थ्योरम याद किया होगा. पानीपत की तीसरी लड़ाई की तारीख भी रटी होगी.. उस समय सभी बच्चों को लगता है कि सफल जीवन के लिए यही सब जरूरी है. लेकिन जब हम पहली बार घर से दूर अकेले रहते हैं, तमाम बिल भरते हैं या किसी मुश्किल इमोशनल स्थिति का सामना करते हैं तो महसूस होता है कि Algebra से ज्यादा जरूरी तो बजट बनाना था! बच्चे अचानक बड़े हो जाते हैं, जिसकी ट्रेनिंग भी नहीं मिलती.
क्या आपने भी कभी गूगल पर ‘घर का बिल कैसे भरें’ या ‘ऑफिस में बात कैसे करें‘ जैसी चीजें सर्च की हैं? सच तो यह है कि शिक्षा प्रणाली डिग्री हासिल करने के लिए तो तैयार कर देती है लेकिन असली जीवन की चुनौतियों के लिए अधूरा छोड़ दिया जाता है. फाइनेंस मैनेजमेंट, मेंटल हेल्थ या लोगों से बात करने का तरीका- ये ‘लाइफ स्किल्स’ हैं, जो ब्लैकबोर्ड पर कभी नहीं पढ़ाई गईं. जानिए 7 ऐसी बेहद जरूरी लाइफ स्किल्स, जो स्कूल में ही सिखाई जानी चाहिए थीं.
Life Skills for Students: जिंदगी के लिए जरूरी हैं ये 7 स्किल्स
स्कूल में मिली शिक्षा जिंदगीभर साथ रहती है. बच्चे इन शुरुआती सालों में जो सीखते हैं, उसे हमेशा याद रखते हैं. स्कूल लाइफ में विभिन्न विषयों के ज्ञान से लेकर नंबरों की रेस तक, बहुत कुछ शामिल है. जानिए 7 ऐसी जरूरी स्किल्स, जो स्कूली सिलेबस का हिस्सा होनी चाहिए.
1. वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy)
इसका मतलब है पैसे को प्रभावी ढंग से मैनेज करना. इसमें बचत करना, बजट बनाना, टैक्स भरना, लोन/क्रेडिट कार्ड के खतरे समझना और शुरुआती निवेश (जैसे म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट) के बेसिक्स शामिल हैं.
2. मेंटल हेल्थ अवेयरनेस
तनाव, चिंता और अन्य भावनात्मक चुनौतियों के लक्षणों को पहचानना जरूरी है. छात्रों को अपनी भावनाओं को स्वस्थ तरीके से मैनेज करने और जरूरत पड़ने पर मदद मांगने के तरीके सिखाए जाने चाहिए.
3. मोलभाव की कला
नौकरी की सैलरी हो, किसी सामान की कीमत हो या कोई झगड़ा हो, हमें अपनी बात मजबूती से कैसे रखनी है और सबके लिए अच्छा हो, ऐसा समझौता कैसे करना है.. यह सब सिखाया जाना चाहिए.
4. प्रभावी संचार और स्टोरीटेलिंग
केवल फैक्ट्स याद करना नहीं, बल्कि अपने विचारों को स्पष्ट, प्रेरक और आकर्षक तरीके से प्रेजेंट करना सिखाया जाना चाहिए. प्रोफेशनल और सोशल लाइफ में सफलता के लिए यह जरूरी है.
5. नेटवर्किंग स्किल्स
प्रोफेशनल संबंध बनाना और उन्हें बनाए रखना आना चाहिए. इन स्किल्स में लोगों से बात शुरू करना, संपर्क बनाना और ऑफिस में विभिन्न प्रकार के व्यक्तित्वों के साथ तालमेल बिठाना शामिल है.
6. सजगता और स्ट्रेस मैनेजमेंट
यह एक ऐसी प्रैक्टिस है, जो हमें प्रेजेंट मोमेंट पर फोकस करने और ज्यादा सोचने से बचने में मदद करता है. यह कॉरपोरेट जगत के प्रेशर और तेजी से बदलते माहौल में फोकस और इमोशनल रेगुलेशन के लिए जरूरी है.
7. सिविक एजुकेशन और पर्सनल राइट्स
एक नागरिक के रूप में आपके मौलिक अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझना, जैसे वोट कैसे दें, सरकार कैसे काम करती है और आपके निजी अधिकार (Privacy, Freedom of Speech) क्या हैं.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
November 22, 2025, 12:55 IST

47 minutes ago
