पिक्चर अभी बाकी है… लालू-तेजस्वी उतरे मंच से, कन्हैया ने थाम ली राहुल की नजरें

15 hours ago

Last Updated:August 17, 2025, 17:14 IST

राहुल गांधी ने सासाराम रैली में 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू की, जिसमें कांग्रेस और 'इंडिया गठबंधन' के कई नेता शामिल थे. कन्हैया कुमार की उपस्थिति ने बिहार की सियासत में नई अटकलें पैदा कीं.

पिक्चर अभी बाकी है… लालू-तेजस्वी उतरे मंच से, कन्हैया ने थाम ली राहुल की नजरेंराहुल गांधी-कन्हैया कुमार में क्या बातचीत हुई?

Rahul Gandhi Sasaram Rally: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत कर दी है. इस यात्रा का मकसद मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के जरिए वोटरों के अधिकारों पर हमले को उजागर करना था. सासाराम की इस सभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी जैसे ‘इंडिया गठबंधन’ के कई दिग्गज नेता मंच पर मौजूद थे. पिछले दिनों पटना में राहुल गांधी की सभा में मंच पर जगह नहीं मिलने पर चर्चा में आए पप्पू यादव भी सासाराम में मंच पर नजर आए. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार कैमरे में मंच पर बैठे नजर नहीं आए, लेकिन जब लालू यादव और तेजस्वी मंच पर नहीं थे तो कन्हैया कुमार की राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल के साथ काफी देर तक बातचीत चर्चा का विषय बन गया.

कन्हैया की राहुल के साथ जो केमिस्ट्री नजर आई,उससे बिहार की सियासत में नई अटकलों को जन्म दे दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कन्हैया कुमार को मंच से दूर रखना एक रणनीति के तहत लिया गया फैसला था? राहुल गांधी बिहार में क्या कुछ नया करने वाले हैं? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए कन्हैया कुमार को लेकर यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है. राहुल गांधी की यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी, जिसमें 20 से ज्यादा जिलों को कवर करते हुए करीब 1300 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. सासाराम से शुरू होकर यह यात्रा औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, सीतामढ़ी, चंपारण, गोपालगंज, सीवान, छपरा और आरा जैसे जिलों से गुजरेगी. इसका समापन 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ होगा.

कन्हैया कुमार और राहुल गांधी की केमिस्ट्री

राहुल ने अपने संबोधन में बीजेपी पर संविधान को कमजोर करने और वोट चोरी की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘यह केवल चुनावी लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की जंग है.’ उन्होंने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और जातीय गणना व 50% आरक्षण सीमा हटाने की मांग को दोहराया.लेकिन इस रैली में कन्हैया कुमार की मौजूदगी ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी. कन्हैया, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और बेगूसराय से कांग्रेस के पूर्व लोकसभा उम्मीदवार रहे हैं, बिहार में युवाओं और बुद्धिजीवियों के बीच एक मजबूत चेहरा बन चुके हैं. उनकी वाकपटुता और जनता से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें कांग्रेस के लिए एक बड़ा सियासी हथियार बना दिया है. इस रैली में उनकी उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि कांग्रेस बिहार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है.

क्या कहते हैं जानकार?

राजनीतिक विश्लेषक ज्ञानेश श्रीवास्तव कहते हैं, ‘यह कदम राजद के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. पिछले कुछ महीनों में कन्हैया ने बिहार में कांग्रेस के संगठन को पुनर्जनन्म देने में अहम भूमिका निभाई है. कन्हैया ने ‘नौकरी दो पलायन रोको’ यात्रा के जरिए बिहार कांग्रेस में नई जान फूंक दी है, जिससे राजद का पारंपरिक मुस्लिम-यादव समीकरण कमजोर पड़ रहा है. लालू यादव कन्हैया की सक्रियता से पहले से ही असहज हैं और राजद के भीतर इस मुद्दे पर कई बैठकें हो चुकी हैं. कांग्रेस बिहार में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की कोशिश कर रही है. बिहार की सियासत में राजद और कांग्रेस लंबे समय से सहयोगी रहे हैं. लेकिन कन्हैया की बढ़ती लोकप्रियता और कांग्रेस की आक्रामक रणनीति ने गठबंधन के भीतर तेजस्वी को असहज कर दिया था. राजद का आधार मुख्य रूप से यादव और मुस्लिम वोटरों पर टिका है, जबकि कन्हैया की अपील इससे इतर युवा और अन्य जातीय समूहों तक फैली हुई है. सासाराम रैली में कन्हैया की मौजूदगी और उनके संबोधन ने यह संकेत दिया कि कांग्रेस अब केवल राजद की छाया में रहने को तैयार नहीं है.’

सासाराम की रैली ने बिहार चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन की ताकत तो दिखाई, लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया कि नेतृत्व को लेकर अंदरखाने रस्साकशी तेज़ हो सकती है. कन्हैया कुमार की तेज़तर्रार शैली और कांग्रेस की बदली रणनीति, राजद को सतर्क कर सकती है. आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी की यात्रा में कन्हैया कुमार की भूमिका क्या होने वाली है?

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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Location :

Sasaram,Rohtas,Bihar

First Published :

August 17, 2025, 17:14 IST

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