पीएम 10-PM 2.5 नहीं, दिल्ली की हवा में ये है असली जहर! विदेशी रिसर्चर का दावा

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Last Updated:November 10, 2025, 15:20 IST

Delhi AQI dangerous element: नेचर एनपीजे क्‍लीन एयर में प्रकाश‍ित व‍िदेशी र‍िसर्चर यिंग चेन की स्टडी में द‍िल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए जिम्‍मेदार प्रदूषण तत्‍व का दावा क‍िया गया है. इसके अनुसार पीएम 10 और पीएम 2.5 की तरह ही पीएम 1 बेहद गंभीर प्रदूषण तत्‍व है, जो मानव शरीर के अंदर गहराई तक पहुंच कर नुकसान पहुंचा रहा है. यह पीएम 2.5 से भी बहुत छोटा होता है और वाहनों के धुएं या जलने से पैदा होता है.

पीएम 10-PM 2.5 नहीं, दिल्ली की हवा में ये है असली जहर! विदेशी रिसर्चर का दावाद‍िल्‍ली में हवा की गुणवत्‍ता खराब होने के पीछे पीएम 1 का भी योगदान है.

Delhi Air pollution PM 1: दिल्ली की हवा में जहर घुल चुका है. यहां रहने वाले लोग हर पल इसी में सांस लेने को मजबूर हैं और तमाम हेल्थ संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं. आंखों से लेकर सांसों तक में जलन पैदा करने वाले ये प्रदूषण तत्व अब फेंफड़ों के अलावा हार्ट,किडनी आदि अंगों पर भी असर डाल रहे हैं. प्रदूषण के आंकड़ों में भी लगातार हो रहे बदलाव के चलते लोग इस डेटा पर भी सवाल उठा रहे हैं, हालांकि अब दिल्ली में एयर क्वालिटी के आंकड़ों को लेकर विदेश में एक रिसर्चर ने चौंकाने वाला दावा किया है.

नेचर एनपीजे क्लीन एयर में यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम की रिसर्चर यिंग चेन की स्टडी में दावा किया गया है कि नई दिल्ली में धूल कणों से होने वाला प्रदूषण असल में जितना दिखाई दे रहा है उससे कहीं ज्यादा गंभीर है. दिल्ली में एयर क्वालिटी को मापते वक्त अभी तक पीएम 10 और पीएम 2.5 को ही प्रमुखता से शामिल किया जाता है जबकि संभव है कि पीएम 1 जो कि बहुत ही सूक्ष्म धूल कण या धुएं के कण होते हैं, अब तक की रिपोर्टों में उन्हें कम आंका गया हो.

रिसर्च में कहा गया है कि नई दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है जहां हर साल करीब 10 हजार लोगों की असमय मौत सिर्फ खराब एयर क्वालिटी की वजह से हो जाती है. प्रदूषण पर गंभीर दुनिया में पीएम 1 पर ध्यान गया है लेकिन दिल्ली में अभी भी इसके योगदान को कमतर समझा गया हो सकता है क्योंकि यहां नमी के कारण धूल कणों का आकार बढ़ जाता है और उसे मापने में गलती हो सकती है. ऐसा सर्दियों की नमी वाली सुबहों में, ज्यादा ट्रैफिक के दौरान होना काफी संभव है.

क्या कहते हैं भारत के एक्सपर्ट
इस रिसर्च के दावे पर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के वायु प्रदूषण एक्सपर्ट विवेक चट्टोपाध्याय कहते हैं, प्रदूषण तत्व PM1 को आम तौर पर वायु गुणवत्ता (Air Quality) की जांच (monitoring) के लिए नहीं मापा जाता, बल्कि इसे रिसर्च के दौरान दर्ज किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रदूषण किन-किन चीजों की वजह से हो रहा है.

खून में पहुंच जाते हैं पीएम 1 के कण
जैसा कि रिसर्च कहती है, हवा में इसका बढ़ा हुआ स्तर चिंता की बात है, क्योंकि PM1 ज्यादातर दहन से बनने वाले बहुत छोटे और जहरीले कणों से पैदा होता है. इन पार्टिकुलेट मेटर्स का आकार इतना छोटा होता है कि ये आसानी से सांस के माध्यम से फेफड़ों के सबसे गहरे हिस्से और यहां तक कि खून में भी पहुंच सकते हैं. इसलिए अगर दिल्ली में शोध संस्थान PM1 के आंकड़े तैयार कर रहे हैं, तो उन्हें ध्यान से देखा जाना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रमुख स्रोत कौन से हैं और वे कितने विषैले हैं. ताकि इन्हें कंट्रोल करने के लिए और अधिक मजबूत एक्शन प्लान बनाए जा सकें.

इन चीजों से बढ़ता है पीएम 1
सर्दियों में देखा जाता है कि दहन की प्रक्रिया ज्यादा होती है. बायोमास जलाना, वाहनों या उद्योगों से निकलने वाला धुआं, कचरा जलाना आदि. ये सभी पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ाते हैं. इन्हीं में बेहद महीन कण पीएम 1 भी शामिल होते हैं और जैसा कि स्टडी कहती है तो जब हवा में नमी बढ़ती है, तो ये कण पानी सोख कर और फूल जाते हैं. इसलिए, शोध संस्थानों को इस स्टडी के निष्कर्षों पर ध्यान देना चाहिए ताकि यह तय किया जा सके कि PM2.5 की निगरानी के दौरान और कौन से अतिरिक्त कदम उठाने की जरूरत है.

दिल्ली में बेहद खराब हैं हालात
हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताने के साथ ही सभी प्राइवेट संस्थानों से अपील की है कि वे अपने कर्मचारियों को कुछ समय के लिए वर्क फ्रॉम होम दे दें, साथ ही कार पूलिंग का इस्तेमाल कर वाहनों की संख्या को सड़कों पर घटाने की मांग भी की है, ताकि इनसे निकलने वाले प्रदूषण तत्वों को कम किया जा सके.

बता दें कि दिल्ली में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 356 से 370 के आसपास दर्ज किया गया है, जो कि बहुत खराब केटेगरी को बताता है.जबकि दिल्ली के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां एक्यूआई 400 के ऊपर पहुंच गया है. 24 घंटे पहले अलीपुर में एक्यूआई 404, आईटीओ पर 402, नेहरू नगर में 406, विवेक विहार में 411, वजीरपुर में 420 और बुराड़ी में 418 दर्ज किया गया है.

priya gautamSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...

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Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

November 10, 2025, 15:20 IST

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