Last Updated:June 24, 2025, 14:19 IST
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने कैंपस के कॉरिडोर में बड़े बदलाव का निर्णय लिया है. कोर्ट ने यहां ग्लास पैनल्स को हटाने का निर्णय लिया है, जो पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में लगाए गए थे. जानें क्यो...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने कैंपस के कॉरिडोर में बड़े बदलाव का निर्णय लिया है
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने कॉरिडोर से विवादास्पद ग्लास पैनल्स हटाए.सभी न्यायाधीशों की सामूहिक सहमति से फैसला लिया गया.ये ग्लास पैनल पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में लगाए गए थे.सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा बदलाव करते हुए कोर्ट परिसर के कॉरिडोर में लगे विवादास्पद ग्लास पैनल्स को हटाने का निर्णय लिया है. ये वही शीशे की दीवारें हैं, जिन्हें पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में सेंट्रलाइज एसी सुविधा के तहत लगाया गया था. लेकिन अब, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से इस फैसले को पलट दिया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शीशे के इन पैनलों को हटाने का फैसला फुल कोर्ट यानी सभी मौजूदा न्यायाधीशों की सामूहिक बैठक में लिया गया. कोर्ट की ओर से बताया गया कि यह निर्णय ‘कोर्ट की मूल भव्यता, सौंदर्य और पहुंच में आई बाधाओं’ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम नए CJI न्यायमूर्ति बीआर गवई का व्यक्तिगत निर्णय नहीं है, बल्कि सभी जजों की संयुक्त सहमति से लिया गया है.
क्यों हटाए गए शीशे के पैनल?
इन ग्लास पैनलों को वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट की इमारत के गलियारों में लगाया गया था. मकसद था कोर्ट के परिसर को अधिक आधुनिक और एयर-कंडीशन्ड सुविधा से लैस बनाना. यह बदलाव देखने में तो आधुनिक था, लेकिन इससे कई तरह की समस्या भी हो रही थी.
बार को क्या थी आपत्ति?
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने इस बदलाव पर गंभीर आपत्ति जताई थी. दिसंबर 2024 में SCBA ने उस समय के तत्कालीन CJI न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को पत्र लिखकर कहा था कि ग्लास पैनल के कारण गलियारे संकरे हो गए हैं, जिससे वकीलों, क्लर्कों, इंटर्न और मुवक्किलों को कोर्ट रूम्स के बीच आना-जाना कठिन हो गया है.
इसके साथ ही, सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई थी, क्योंकि कुछ पैनलों में दरारें पड़ गई थीं. ताजी हवा और प्राकृतिक प्रकाश की कमी भी इस विवाद का बड़ा कारण बनी.
SCBA अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में किसी भी बुनियादी ढांचे में बदलाव से पहले बार एसोसिएशन से चर्चा जरूरी है. उस समय के CJI ने यह नहीं किया. पैनलों ने न केवल कोर्ट की भव्यता को प्रभावित किया, बल्कि गलियारे को भी संकरा बना दिया.’ वहीं, SCAORA अध्यक्ष विपिन नायर ने कहा, ‘अब पुराना गौरवशाली स्वरूप बहाल हो गया है, जिसमें सूरज की रोशनी और ताजगी महसूस होती है.’
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi