ईरान के 10 परमाणु बम तैयार! क्या चीन-रूस करेंगे मदद, यूरेनियम का 400 किलो का जखीरा लापता

5 hours ago

Iran Israel War: 

ईरान के तीन बड़े परमाणु संयंत्रों नातांज, इस्फहान और फोर्डो को बर्बाद करने के अमेरिका और इजरायल के दावे के बीच नए खुलासे ने सनसनी मचा दी है. कहा जा रहा है कि ईरान से 16 ट्रकों में भरा 400 किलो संवर्धित यूरेनियम गायब हो गया है. ये यूरेनियम 10 परमाणु बमों को बनाने के लिए काफी है. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने इजरायली अधिकारियों के हवाले से कहा है कि बी2 बॉम्बर्स के धमाकों के पहले ही ईरान ने अपना यूरेनियम भंडार अज्ञात स्थान की ओर भेज दिया था. अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी एबीसी न्यूज से बातचीत में ये बात दोहराई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला करने के साथ उसकी एटमी बम बनाने की ताकत को बर्बाद करने का दावा किया था. वेंस ने कहा कि लापता यूरेनियम पश्चिमी देशों से आगे सौदेबाजी का बड़ा हथियार साबित हो सकता है. उसने 60 फीसदी यूरेनियम संवर्धित कर लिया है. इसे बस 90 फीसदी तक संवर्धित करने की जरूरत है और उससे नाभिकीय हथियार बन सकता है.  

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने शायद पहले ही यूरेनियम भंडार और जरूरी उपकरण अज्ञात स्थान पर सुरक्षित भेज दिए हैं. संभावना यह भी है कि रूस या चीन की मदद से ईरान इस यूरेनियम से परमाणु हथियार बना सकता है. ये रिपोर्ट यह भी तस्दीक करती है कि अमेरिका या इजरायल का हमला अपने मकसद में कामयाब नहीं रहा.

सैटेलाइट तस्वीरों में अमेरिकी हमले के पहले फोरडो न्यूक्लियर प्लांट के बाहर खड़े 16 ट्रकों को देखा गया है. कोम शहर में पहाड़ के करीब 60 मीटर नीचे ये एटमी ठिकाना बनाया गया है. अमेरिका ने   B-2 bombers से 12 बंकर बस्टर बम फोरडो पर गिराए थे. हमले के बाद की तस्वीरों में यहां बड़ी तबाही दिख रही थी, लेकिन ट्रक वहां से गायब थे.

ईरान भी यह दावा कर चुका है कि उसका यूरेनियम भंडार पूरी तरह सुरक्षित है. हालांकि फोरडो से क्या ले जाया गया है और कहां ले जाया गया है. इस पर कोई पक्की खबर नहीं आई है.माना जा रहा है कि इसे इस्फहान परमाणु संयंत्र में ले जाया गया है, वहां भी सुरंगों के भीतर एटमी ठिकाना है.

परमाणु निगरानी संस्थान IAEA के प्रमुख चीफ राफेल ग्रोसी ने कहा कि हमने एक हफ्ते पहले इसका निरीक्षण किया था. ये बेहद जरूरी है कि जल्द से जल्द वहां हमारी पहुंच कायम हो.

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