Last Updated:March 10, 2025, 14:26 IST
Parliament Budget Session: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में आज जमकर हंगामा हुआ. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु सरकार को असभ्य कहा, जिससे कन्नीमोझी ने नाराजगी जताई. प्रधान ने खेद प्रकट किया और फिर ...और पढ़ें

धर्मेंद्र प्रधान ने अपने शब्दों पर खेद प्रकट किया. (File Photo)
हाइलाइट्स
संसद में बजट सत्र के दौरान हंगामा हुआ.धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु सरकार को असभ्य कहा था.विवादित शब्द संसद की कार्यवाही से हटाए गए.नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की सुनवाई आज शुरू हुई तो सदन में हंगामा मच गया. एक तरफ सत्ता पक्ष बजट सत्र के लिए अपना एजेंडा सेट करके बैठा था. वहीं, विपक्ष की तरफ से वोटर आइडी विवाद सहित साउथ में तीसरी भाषा के तौर पर हिन्दी को लाने के प्रस्ताव पर हंगामा किया जा रहा था. उधर सदन में ऐसा मोड़ भी आया जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को अपने ही एक बयान पर खेद प्रकट करना पड़ा. बाद में सदन की कार्यवाही से उनके भाषण से जुड़े कुछ शब्दों को हटाना पड़ गया. इस मुद्दे पर बवाल इतना बढ़ गया कि मंत्री ने डीएमके सांसद से कहा कि आप ऊंची आवाज में मत बोलें.
आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो डीएमके सहित तमाम विपक्षी दलों ने अपने-अपने मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु सरकार को असभ्य कह दिया. फिर कन्नीमोझी खड़ी हुई और उन्होंने इसपर नाराजगी जाहिर की. डीएमके सांसद ने कहा कि मुझे बहुत दुख हो रहा है कि आज मंत्री जी ने अपने उतर में तमिलनाडु सरकार को असभ्य कहा है. उन्होंने मेरा नाम भी लिया है. मैं मंत्री से मिली हूं, फंड तमिलनाडु को मिलने चाहिए. तीन भाषा सूत्र तमिलनाडु को स्वीकार नहीं है. मंत्री और प्रधानमंत्री को लिखा है और कहा है कि यह हमारे मुद्दे हैं और यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
क्या बोले धर्मेंद्र प्रधान?
कन्नीमोझाी की नाराजगी के बाद धर्मेंद्र प्रधान खड़े हुए और उन्होंने कहा कि सम्मानीय साथी और मेरी बहन कनीमोझी ने दो मुद्दे उठाए हैं. मुझे ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए था. जनता और इस मुद्दे को मिक्स नहीं करना चाहिए. मेरे शब्दों से अगर किसी को कष्ट हुआ है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. कनीमोझी जी बैठ जाएं. कम से कम मैं ये जानता हूं कि आप मेरी बात को सुन रही हैं. मैं भी आपकी बात को सुन रहा हूं. यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. वो मुझसे मिलने आईं और हमने कई मुद्दों पर बात की और कई मुद्दों पर हमारे बीच सहमति भी बनी थी. अब आप इस तरह से ऊंची आवाज में बात मत करें. आप में सहास होना चाहिए सच्चाई को सुनने का. जहां गैर भाजपा सरकार उन सभी सरकारों को लाभ मिल रहा है. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हमने उस शब्द को संसद की कार्यवाही से हटा दिया है.
First Published :
March 10, 2025, 14:16 IST