Last Updated:June 14, 2025, 12:09 IST
Bihar Vidhansabha Chunav: प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से चुनाव लड़ने को इच्छुक नेताओं के लिए शर्त लगा दी है. पीके ने कहा है कि उनकी पार्टी से उन्हें ही टिकट मिलेगा जिनकी छवि अच्छी होगी. यही नहीं अगर गलती स...और पढ़ें

मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने जन सुराज की नीति की जानकारी साझा की.
हाइलाइट्स
प्रशांत किशोर ने 2025 बिहार चुनाव को लेकर जनसुराज की नीति स्पष्ट की.स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को पीके की जन सुराज पार्टी में प्राथमिकता मिलेगी.गलत व्यक्ति को टिकट मिल जाने पर पीके नेलोगों से वोट न देने की अपील की.पटना. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अपनी पार्टी की उम्मीदवारी नीति स्पष्ट कर दी है. उन्होंने कहा कि जन सुराज स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता देगी और यदि गलती से किसी गलत व्यक्ति को टिकट मिल भी गया तो जनता से उसे वोट न देने की अपील की जाएगी. यह बयान उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि जन सुराज अन्य पार्टियों से कैसे अलग होगी और उम्मीदवारों के लिए क्या शर्तें होंगी.
प्रशांत किशोर ने कहा, हमारी पार्टी का पहला लक्ष्य स्वच्छ छवि वाले लोगों को टिकट देना है. हम हर संभव कोशिश करेंगे कि सही उम्मीदवार ही चुने जाएं. लेकिन, अगर कोई गलत व्यक्ति टिकट पा भी लेता है तो मैं जनता से कहूंगा कि उसे वोट न दें. उन्होंने UPSC का उदाहरण देते हुए कहा कि लाखों में से IAS, IPS चुनने वाली कठिन प्रक्रिया में भी कुछ लोग गलत निकलते हैं. क्या सभी IAS, IPS ईमानदारी से काम करते हैं? इसी तरह, हमारी चयन प्रक्रिया में भी खामी हो सकती है, लेकिन हमारा उद्देश्य साफ है-बिहार में 243 सीटों पर स्वच्छ छवि वाले लोग जीतें चाहे वे किसी भी पार्टी से हों.
प्रशांत किशोर का साहसिक कदम
प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि जन सुराज का एकमात्र मकसद बिहार की जीत है. उनकी यह रणनीति बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर रही है जहां जातिगत समीकरण और धनबल अक्सर उम्मीदवार चयन में हावी रहते हैं. 2024 के उपचुनाव में जन सुराज का प्रदर्शन भले ही कमजोर रहा, लेकिन किशोर की यह अपील स्वच्छ राजनीति की दिशा में एक साहसिक कदम मानी जा रही है.
एनडीए-महागठबंधन के लिए चुनौती
पीके ने कहा, हमारी लड़ाई बिहार को बेहतर बनाने की है न कि सिर्फ सत्ता हासिल करने की. यह बयान NDA और महागठबंधन के लिए चुनौती बन सकता है, क्योंकि किशोर की पार्टी EBC, दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. अब देखना यह है कि 2025 के चुनाव में जन सुराज की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है.