Last Updated:March 21, 2025, 15:23 IST
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अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर गंभी आरोप लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा आदेश दिया है.
हाइलाइट्स
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू से जुड़ा है मामलापत्नी और परिजनों को कॉन्ट्रैक्ट देने का लगा है आरोपसुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, दो मंत्रालयों से मांगा गया जवाबनई दिल्ली. अरुणचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू नई कानूनी मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. उनपर अपने परिवार और रिश्तेदारों पर बिना टेंडर के सैकड़ों करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट देने का आरोप लगा है. अरुणाचल प्रदेश में कथित भाई-भतीजावाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. शीर्ष अदालत ने हाल में ही इस मामले पर सुनवाई करते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी को खास निर्देश दिया है. गृह और वित्त मंत्रालय से इस पर जवाब भी मांगा गया है. CJI संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले में CAG की रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है. कैग से भी जवाब मांगा गया है. याचिका दायर करने वाले संगठन की ओर से सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण पेश हुए थे. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी, जिसमें संबंधित पक्षों को विस्तृत हलफनामा पेश करना होगा.
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ सेव मॉन रीजन फेडरेशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में पूरे मामले की SIT या फिर CBI से जांच कराने की मांग की गई है. सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ अरुणाचल प्रदेश में पब्लिक वर्क्स के लिए सीएम पेमा खांडू के रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट देने के आरोप से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही है. सीएम पेमा खांडू पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीआईएल दाखिल किया गया है. याची की ओर से पेश सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्य को प्राइवेट कंपनी लिमिटेड की तरह चलाया जा रहा है. सभी ठेके पत्नी की कंपनी या फिर भाई-बहन की कंपनियों को दिए गए हैं. प्रशांत भूषण की दलील पर सुप्रीम कोर्ट को कड़ा रुख अपनाना पड़ा है.
SC के सवाल, प्रशांत भूषण का जवाब
प्रशांत भूषण जब कोर्ट में सीएम पेमा खांडू के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए तो सीजेआई की पीठ ने उनसे कुछ सवाल पूछे. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह मामला कितने ठेकों से जुड़ा है. इसपर प्रशांत भूषण ने कहा, ‘सैकड़ों…सैंकड़ों करोड़ रुपये का है. उनकी (सीएम पेमा खांडू) पत्नी की कंपनियों को सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य के 70 ठेके दिए गए. काउंटर (दूसरा पक्ष) का कहना है कि जमीन रोजगार सृजन के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट आवंटित की गई थी.’ प्रशांत भूषण के इन आरोपों पर विपक्षी पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया. अरुणाचल प्रदेश की तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने इसका जोरदार खंडन किया और कहा कि यह पीआईएल कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग है और राजनीति से प्रेरित होकर दायर की गई है. सीजेआई की पीठ ने दलीलों को सुनने के बाद अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी से जवाब तलब किया और कहा कि इस मामले में दोनों केंद्रीय मंत्रालयों की ओर से जवाब दाखिल करने की जरूरत है.
गंभीर है मामला
याचिका में मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर गंभीर आरोप लगाया गया है. पीआईएल के अनुसार, सीएम के परिवारवालों और निकट सहयोगियों को सार्वजनिक काम का ठेका देना फेवरटिज्म का सबूत है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यह मुख्यमंत्री के सीधे संज्ञान में था. ऐसा उनकी अनुमति के साथ ही उनके सपोर्ट से किया गया. याचिका में आगे कहा गया है कि सीएम खांडू की पत्नी की कंपनी ब्रांड ईगल को बड़ी संख्या में सरकारी ठेका दिया गया, यह जानते हुए कि यह हितों के टकराव का सीधा मामला है. याची ने आरोप लगाया कि जब पेमा खांडू के पिता दोरजी खांडू (दिवंगत) सीएम थे तो यह कंपनी पेमा खांडू के नाम पर थी. तब भी कंपनी को बिना टेंडर प्रोसेस के सरकारी ठेका दिया गया था.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 21, 2025, 15:23 IST