Last Updated:August 16, 2025, 22:28 IST
Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा के बाद भारत लौट रहे हैं. उन्होंने वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया और प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी उपलब्धि की सराहना की.

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा के बाद अब भारत लौट रहे हैं. अंतरिक्ष की रोमांचक यात्रा के बाद विमान में बैठकर वतन की ओर लौटते समय उन्होंने भावनाओं से भरा एक संदेश साझा किया. शुभांशु ने लिखा, “जाते हुए दुख है कि एक शानदार परिवार जैसी टीम को पीछे छोड़ रहा हूं, लेकिन उतनी ही खुशी है कि अब अपने देश, दोस्तों और परिवार से पहली बार इस मिशन के बाद मिलूंगा. यही जिंदगी है। सबकुछ एक साथ.”
शुभांशु पिछले एक साल से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक प्रयोगों और रिसर्च मिशनों का हिस्सा रहे. उन्होंने वहां माइक्रोग्रैविटी में बायोमेडिकल रिसर्च से लेकर टेक्नोलॉजी टेस्टिंग तक कई अहम प्रयोगों में भाग लिया. उनका मिशन न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता के लिए एक उपलब्धि माना गया.
भारत में था जश्न का माहौल
भारत में उस दिन जश्न का माहौल था जब शुभांशु ने ISS से लाइव संदेश भेजा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि यह उपलब्धि भारत के वैज्ञानिक सपनों को नई ऊंचाई देती है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी. देशभर में लोगों ने तिरंगा लहराकर और मिठाइयां बांटकर इस ऐतिहासिक पल का स्वागत किया. स्कूलों, कॉलेजों और गांव-शहरों में गर्व और खुशी की लहर दौड़ गई थी.
As I sit on the plane to come back to India I have a mix of emotions running through my heart. I feel sad leaving a fantastic group of people behind who were my friends and family for the past one year during this mission. I am also excited about meeting all my friends, family… pic.twitter.com/RGQwO3UcQr
शुभांशु ने किसका लिया नाम?
आज अपने ताजा संदेश में शुभांशु ने मिशन के दौरान मिले प्यार और समर्थन को याद किया. उन्होंने कहा कि गुडबाय कहना मुश्किल होता है लेकिन जिंदगी में आगे बढ़ना ही पड़ता है. अपने कमांडर ऐस्ट्रोनॉट पैगी व्हिटसन के शब्दों को याद करते हुए उन्होंने कहा] “स्पेसफ्लाइट में एक ही स्थायी चीज है बदलाव. और यही जिंदगी पर भी लागू होता है.”
‘यूं ही चला चल रही…’
उन्होंने अंत में हिंदी गीत की पंक्तियों का जिक्र करते हुए लिखा, “यूं ही चला चल रही – जीवन गाड़ी है समय पहिया.” यह संदेश उनके भीतर की विनम्रता, भावनाओं और देशप्रेम को दर्शाता है. भारत लौटने पर उनका स्वागत नायक की तरह किया जाएगा. यह केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि भारत की अंतरिक्ष गाथा का सुनहरा अध्याय है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 16, 2025, 22:28 IST